''आप'' सरकार के आते ही निगम में हुआ था बड़ा स्कैम!

punjabkesari.in Thursday, Nov 03, 2022 - 11:15 AM (IST)

जालंधर: जालंधर नगर निगम का बिल्डिंग विभाग पिछले लंबे समय से भ्रष्टाचार के गढ़ के रूप में जाना जा रहा है। जब तत्कालीन लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू ने भ्रष्टाचार के इस गढ़ पर प्रहार करके बिल्डिंग विभाग से जुड़े 9 बड़े अधिकारियों को तत्काल सस्पैंड कर दिया था तब कुछ महीनों तक इस विभाग का काम बिना रिश्वतखोरी के चला परंतु उसके बाद जैसे-जैसे हालात सामान्य हुए वह सभी अधिकारी दोबारा मलाईदार सीटों पर तैनात हो गए और उन्होंने पुराने खेल को ही दोहराना शुरू कर दिया। 

हालात यहां तक पहुंच गए कि बिल्डिंग विभाग का ज्यादातर सिस्टम ऑनलाइन होने के बावजूद भी इस विभाग में वही काम होता था जिसकी निश्चित फीस संबंधित अधिकारी तक पहुंचा करती थी। अकाली भाजपा सरकार के बाद कांग्रेस के राज दौरान बिल्डिंग विभाग में रिश्वतखोरी का पूरा बोलबाला रहा और जब पंजाब में आम आदमी पार्टी सत्ता में आई तब लोगों को लगा था कि उन्हें इस भ्रष्ट सिस्टम से छुटकारा मिलेगा। नई सरकार आने के बाद भी जालंधर निगम के बिल्डिंग विभाग का कामकाज बिल्कुल नहीं बदला और उस समय के अधिकारियों ने खूब मनमर्जी की। 

पूरे निगम में चर्चा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद भी इसी साल मई महीने में जालंधर निगम के बिल्डिंग विभाग में बहुत बड़ा स्कैम हुआ। मई के पहले सप्ताह की कारगुजारी की यदि बारीकी से जांच करवाई जाए तो साफ पता चलेगा कि उस दौरान सी.एल.यू., बड़े नक्शों तथा कंप्लीशन इत्यादि से संबंधित ढेरों फाइलों को क्लियर कर दिया गया जो कई-कई महीनों से लटकी हुई थी। आरोप है कि कई ऐसी फाइलों को भी क्लियर किया गया जिन पर कई तरह के ऑब्जैक्शन लगे हुए थे और उन्हें दूर तक नहीं किया गया था। निगम से जुड़े सुविज्ञ सूत्र बताते हैं कि उस समय बिल्डिंग विभाग के छोटे स्तर के अधिकारी बड़े अफसरों के कलैक्शन एजैंट बने हुए थे और हर काम की निश्चित फीसें ऊपर तक पहुंचाई जाती थी।

तब बिल्डिंग विभाग में सक्रिय थे बाहरी एजैंट

कुछ महीने पहले की बात करें तो जालंधर निगम के बिल्डिंग विभाग में अंदरूनी के अलावा बाहरी एजैंट भी सक्रिय थे। सबसे ज्यादा काम एक महिला जैसे लक्षणों वाले प्रॉपर्टी कारोबारी के पास था जो इस समय पैट्रोल पंप के निकट आफिस से अपना सारा कामकाज संचालित कर रहा है। ऐसे ही कई अन्य एजैंट कमर्शियल बिल्डिंगों तथा बड़े प्लाटों से संबंधित रुके हुए काम लेकर बड़े अफसरों तक पहुंचाया करते थे और बदले में खुला आदान-प्रदान मॉडल टाउन के एक हाउस में हुआ करता था। मई महीने के बाद एकाएक बिल्डिंग विभाग के कामकाज में बिल्कुल ही ठहराव आ गया और शायद ही इन 6 महीनों दौरान दर्जन भर सी.एल.यू, बड़े नक्शों या कंप्लीशन इत्यादि से संबंधित फाइलें पास हुई हों।

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Content Writer

Sunita sarangal

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