पंजाब के इस जिले में हुआ बड़ा घोटाला, अदालत के आदेशों के खिलाफ गए अधिकारी
punjabkesari.in Thursday, Nov 17, 2022 - 12:41 PM (IST)

मोगा: पंजाब सरकार द्वारा राज्य भर में बी.एस.-4 वाहनों की रजिस्ट्रेशन करने पर पाबंदी के बावजूद विभाग के अधिकारियों की कथित मिलीभगत से रजिस्टर्ड हुई इन गाड़ियों में कथित घपले की जांच करवाने के उपरांत जहां राज्य भर के कई ट्रांसपोर्ट विभाग का काम देख रहे दफ्तरों में हड़कंप मच गया है, वहीं मोगा जिले के बाघापुराना दफ्तर द्वारा भी माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए कई बी.एस. 4 वाहन मार्च 2020 उपरांत भी रजिस्टर्ड करने की शंका खड़ी हो गई है। चाहे विभाग के अधिकारी इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं, परन्तु सूत्रों ने खुलासा किया है कि अकेले बाघापुराना दफ्तर में ही कथित तौर पर 2 दर्जन के लगभग बी.एस.-4 वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ज्यादा धुआं छोड़ने वाले बी.एस. 4 इंजन के वाहनों की पहली दफा रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए 31 मार्च 2020 तक का समय निर्धारित किया था। इस उपरांत कोर्ट ने आदेश जारी किए थे कि किसी भी वाहन की रजिस्ट्रेशन नहीं होगी, परन्तु फिर भी पंजाब सरकार द्वारा करवाई गई जांच में साढ़े 5 हजार से अधिक वाहनों की रजिस्ट्रेशन करने का खुलासा हुआ है, जबकि इस मामले में अभी अन्य खुलासे होने बाकी हैं।
इस तरह अपनाया विभाग के अधिकारियों ने नया ढंग
विभागीय सूत्रों से पता चला है कि कुछ पहुंच वाले लोगों की लग्जरी गाड़ियों के निर्धारित समय से पहले नंबर लगाने से वंचित रह गए थे। उन्होंने अपनी गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के अधिकारियों तक पहुंच की। पता चला है कि कोर्ट ने एक्स आर्मी गाड़ियां इस मनाही वाले आदेशों से बाहर रखी थीं तथा इस घेरे में से जे.सी.बी., ट्रैक्टर तथा कंबाइन भी बाहर थे। सूत्र बताते हैं कि विभाग के अधिकारियों ने रजिस्ट्रेशन करने के समय एक्स आर्मी वाहन तथा ट्रैक्टर तक ऑनलाइन रिकार्ड में दर्ज करके इन गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन कर दी। इस मामले में पंजाब केसरी के हाथ जो अहम दस्तावेज लगे हैं, उनमें यह स्पष्ट होता है कि किस तरह अदालत के नियमों की अनदेखी की गई है।
31 जुलाई 2020 के बाद रजिस्टर्ड हुए सारे वाहनों की जांच की तैयारी
मिली जानकारी के अनुसार मोगा तथा बाघापुराना दफ्तरों द्वारा 31 जुलाई 2020 के उपरांत रजिस्टर्ड किए गए सारे वाहनों के कागजात पंजाब सरकार के आदेशों के तहत दोबारा जांच के घेरे में लाए जाएंगे। सरकारी तौर पर की जाने वाली जांच के मुकम्मल होने उपरांत ही पता लग सकेगा कि आखिरकार किस दफ्तर ने कितनी गाड़ियां गलत तरीके से रजिस्टर्ड की हैं।
जांच तो चल रही है मगर इस बारे कुछ नहीं पता
इसी समय दौरान दफ्तर में लम्बे समय तक तैनात रहे एम.टी.सी. अमरजीत सिंह के साथ जब संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि अब उनके पास रजिस्ट्रेशन का काम नहीं है। वह इस मामले संबंधी कुछ नहीं बता सकते, जबकि मौजूदा एम.टी.सी. जसपाल सिंह का कहना था कि जांच तो चल रही है, परन्तु वह नए आए हैं, उनको भी मामले का कुछ नहीं पता।
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