पार्टी वर्कर का भाजपा से होने लगा ''मोह भंग'', कोई छोड़ गया किसी को निकाल दिया
punjabkesari.in Tuesday, May 30, 2023 - 03:54 PM (IST)

जालंधर(अनिल पाहवा): पंजाब में भारतीय जनता पार्टी फिलहाल अकाली दल के बिना राजनीति कर रही है। अकाली दल से अलग हो कर पार्टी अब तक तीन चुनाव लड़ चुकी है। जिसमें 2022 का विधानसभा चुनाव और संगरूर और जालंधर का लोकसभा उपचुनाव। इन तीनों चुनावों में भाजपा को वो सफलता नहीं मिली जिसके दावे किए जा रहे थे। हाल ही में जालंधर लोकसभा उपचुनाव के दौरान पार्टी ने लोकसभा चुनाव लड़ा जिसमें पार्टी की जमानत जब्त हो गई। चिंता का विषय यह है कि पार्टी को जालंधर में ही एक के बाद एक झटके लग रहे हैं जिसके कारण पार्टी को काफी नुक्सान हो रहा है। पूरी भाजपा के लिए चिंता की बात यह है कि पार्टी से वर्कर का 'मोह भंग' हो रहा है।
जालंधर लोकसभा उपचुनाव के बाद अब पंजाब में स्थानीय निकाय चुनाव होने संभावित है जिसके लिए वार्ड बंदी का काम शुरू हो चुका है और चुनावी प्रक्रिया का ऐलान होना बाकी है। इसी बीच पार्टी को सबसे ज्यादा परेशानी जालंधर वेस्ट हल्के से हो रही है जहां पर पार्टी के पूर्व विधायक से लेकर कई मौजूदा पार्षद तक पार्टी छोड़ गए। जिसके बाद वेस्ट हल्के में भाजपा नेतृत्व विहीन हो गई है।
2022 से पहले से शुरू है 'अलविदा' करने का सिलसिला
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले वेस्ट हल्के से पार्टी के नेता शीतल अंगुराल ने सबसे पहले पार्टी को अलविदा कहा तथा आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। आम आदमी पार्टी ने उन्हें टिकट दिया जिसके बाद वह विधायक बन गए लेकिन इसके बाद भाजपा से रुखसत होने वाले लोगों का सिलसिला लगातार जारी है। पार्टी के कुछ पार्षद और पार्षद पति कुछ देर पहले भाजपा को अलविदा कह गए। उसके बाद इन लोकसभा उपचुनाव में तो रही सही कसर पूरी हो गई तथा पार्टी के पूर्व मंत्री भगत चुन्नी लाल के पुत्र मोहिंदर भगत भी पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए।
जो कोई बचा उसे खुद निकाल दिया
अभी सिलसिला जारी ही था कि पार्टी ने अब अपने एक नेता प्रदीप खुल्लर को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। खुल्लर पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर पार्टी के खिलाफ प्रचार किया लेकिन जिस तरह से पार्टी में लगातार एक के बाद एक नेता बाहर जा रहे हैं उससे पार्टी का वैस्ट हल्के में संतुलन खराब हो गया है। पार्टी के पास अब कोई ऐसा बड़ा चेहरा या बड़ा नेता नहीं है जिसके दम पर पार्टी इस इलाके में आने वाले समय में चुनाव लड़ सके। खासकर वेस्ट हल्के में पार्टी आने वाले निकाय चुनावों में या उसके बाद 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में आखिर किस तरह से मैदान में उतरेगी, यह एक बड़ा सवाल है।
'इग्नोर' महसूस कर रहा वर्कर
हैरानी की बात तो ये है कि जालंधर लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद पार्टी ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई है तथा लगातार पार्टी में लोगों के साथ सामंजस्य बनाने में परेशानी हो रही है। खासकर अपने वर्कर के साथ ही पार्टी उस स्तर पर संवाद कायम नहीं कर पा रही, जिस स्तर पर होना चाहिए। पार्टी का वर्कर खुद को 'इग्नोर' महसूस कर रहा है जिसके कारण पार्टी के नेता लगातार अलग हो रहे हैं। बड़ी बात यह है कि इन बाहर जा रहे लोगों को रोकने के लिए कोई भी नेता जिले में खासकर वैस्ट हलके में नहीं बचा है और यह सब तब हो रहा है जब केंद्रीय स्तर के नेता अप्रत्यक्ष तौर पर इलाके में मौजूद हैं।
पार्टी के कठोर फैसले का स्वागत, घर की छत पर झंडा कमल का ही रहेगा: प्रदीप खुल्लर
जालंधर वैस्ट से भाजपा के उपाध्यक्ष प्रदीप खुल्लर ने पार्टी से उन्हें निष्कासित किए जाने को पार्टी का कठोर फैसला बताया है। लेकिन साथ ही इस फैसले का स्वागत किया है। खुल्लर ने कहा कि उन्हें दुख इस बात का है कि उनकी उस बात के लिए उन पर एक्शन लिया गया जिसमें उन्होंने पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं कहा था। खुल्लर ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट पर केवल वार्ड 45 में कमलजीत भाटिया को लेकर किया था। कहीं भी उन्होंने पार्टी के खिलाफ एक भी शब्द इस्तेमाल नहीं किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा पार्टी से पहले एक परिवार है और परिवार के सदस्यों में कभी-कभी कुछ गुस्सा-गिला होता है। उन्होंने कहा कि जितनी सजा उन्हें हाईकमान ने दी है वह उसे काटेंगे और इस सजा के दरमियान भी पार्टी की सेवा बूथ स्तर पर एवं जनता की सेवा पहले की तरह राष्ट्रीय सेवक संघ की प्रेरणा से करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अपनी सोच एवं विचारधारा पार्टी के नीतियों के अधीन रहूंगा और उनके घर की छत पर पार्टी का कमल के निशान का झंडा ही लहराता रहेगा।
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