पुलिस ने सुलझाई ब्लाइंड मर्डर केस की पहेली, 3 गिरफ्तार, हुआ ये खुलासा
punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 10:22 AM (IST)
फगवाड़ा (जलोटा): फगवाड़ा में गत 27 अक्तूबर की रात बाबा गद्दिया इलाके में अज्ञात हत्यारों द्वारा ई-रिक्शा चालक की गोली मार कर की गई नृशंस हत्या के मामले में फगवाड़ा पुलिस ने उक्त ब्लाइंड मर्डर केस की पहेली को सुलझाने का दावा कर हत्याकांड में शामिल 3 हत्यारों को गिरफ्तार करने की सनसनीखेज सूचना मिली है। फगवाड़ा में पंजाब केसरी के साथ बातचीत करते हुए एस.पी. माधवी शर्मा ने बताया कि 27 अक्तूबर की रात को अज्ञात हमलावरों ने फगवाड़ा के प्राथमिक स्कूल सुखचैन नगर निवासी ई-रिक्शा चालक कुलदीप धनवार की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पुलिस जांच के दौरान यह बात सामने आई हैं कि हत्या लूटपाट करने की नीयत से की गई हैं। एस.पी. शर्मा ने बताया कि हत्यारों ने गांव भुल्लाराई में शराब के ठेके से शराब की बोतल खरीदी थी और दाना मंडी फगवाड़ा में बैठकर वह शराब पी रहे थे। जब ई-रिक्शा चालक इलाके से गुजरा तो उन्होंने उसे लूटने के इरादे से सुविधा केन्द्र बाबा गद्दिया के पास रोक उसे गोली मार दी और मौके से मोटरसाइकिल पर फरार हो गए।
जिसके बाद ई-रिक्शा चालक कुलदीप धनवार को जख्मी हालत में इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया जहां बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई। गिरफ्तार किए गए आरोपी हत्यारों की पहचान हरमन सिंह पुत्र सुरजीत सिंह निवासी नसीराबाद, थाना रावलपिंडी फगवाड़ा, इंशविंदर कौल उर्फ बाबा उर्फ इशु वासी पतारा जिला जालंधर देहाती,अमन पुत्र करनैल वासी जेठपुर थाना पतारा जिला जालंधर देहाती के रूप में हुई हैं। हरमन सिंह के खिलाफ पहले भी पुलिस थाना बेहराम और थाना गोराया में 2 पुलिस केस दर्ज हैं। आरोपी ईशविंदर कौल उर्फ बाबा उर्फ ईशू के खिलाफ जालंधर जिले के लांबड़ां पुलिस थाने और शहीद भगत सिंह जिले के बेहराम पुलिस थाने में मामले दर्ज हैं।
इसी भांति आरोपी अमन के खिलाफ पुलिस थाना लांबड़ां जिला जालंधर देहाती और जिला शहीद भगत सिंह नगर के पुलिस थाना बहराम में पुलिस केस रजिस्टर हैं। उन्होंने बताया कि तीनों हत्यारे बिना नंबर वाले स्पलैंडर मोटरसाइकिल रंग काला पर सवार हो हत्या करने के बाद हत्यारे हरमन के गांव नसीराबाद में स्थित घर गए थे। आरोपियों को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर प्राप्त किया जाएगा और उनसे पुलिस जांच में अभी और सनसनीखेज खुलासे होने की संभावना हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही हैं।
अहम पहलू यह भी है कि हत्या का शिकार हुए ई-रिक्शा चालक कुलदीप धनवार को गोली लगने के बाद उसने खुद अपने मोबाइल फोन से फोन कर अपने करीबियों और परिजनों आदि को बताया था कि उसे अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी और वह जख्मी हुआ हैं। इसके बाद ही उसके करीबी और परिवार के सदस्य उसे उसी ई-रिक्शा में इलाज के लिए सिविल अस्पताल फगवाड़ा में जख्मी हालत में लेकर आए थे जहां से उसे भावी उपचार के लिए सरकारी डाक्टरों ने रैफर कर दिया था जहां बाद में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
इस संबंधी तब मृतक के परिजनों, करीबियों ने यह दावा किया था कि कुलदीप धनवार के साथ मौके पर कोई लूटपाट आदि नहीं हुई हैं। अब अगर पुलिस का यह दावा हैं कि हत्यारों ने लूटपाट के इरादे से ही हत्याकांड को अंजाम दिया था तो हत्यारों ने उसका मोबाइल फोन, तब उसके पास मौजूद नकदी, ई-रिक्शा का महंगी बैटरी और खुद ई-रिक्शा को क्यों नहीं लूटा था? इसके अतिरिक्त गोली लगने के बाद जख्मी हालत में कुलदीप धनवार लंबे समय तक जीवित था लेकिन उसने भी अपने साथ हुई लूट अथवा डकैती के बारे में किसी से कोई बात अथवा जानकारी नहीं दी थी।
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