DMW में स्पेन से मंगवाई 30 करोड़ की ब्लॉक ग्राइंडिंग मशीन में घोटाला!

punjabkesari.in Thursday, Sep 19, 2019 - 08:36 AM (IST)

पटियाला(प्रतिभा): डीजल लोको मॉडर्नाइजेशन वर्क्स (डी.एम.डब्ल्यू.) में डीजल इंजन में ब्लॉक तैयार करने के लिए विदेश से मंगवाई गई मशीन के मामले में घोटाला सामने आने लगा है। 3 साल पहले 2016 में 30 करोड़ की लागत से स्पेन से लाई गई मशीन कारखाने में ऐसे ही पड़ी है । इस मशीन में फॉल्ट चल रहा है और ये सही साइज के ब्लॉक नहीं बना पा रही। 

इसी वजह से करोड़ों की ये मशीन बिना काम के ऐसे ही पड़ी है। मशीन को चालू करवाने के लिए अधिकारियों ने कोई पुख्ता कदम भी नहीं उठाए जबकि मशीन की कीमत की 80 फीसदी पेमैंट हो चुकी है। इस बात से पता चलता है कि मशीन को मंगवाने और पेमैंट करने में अधिकारियों ने पहले जल्दी दिखाई और अब इसके प्रति उतनी ही उदासीनता कहीं किसी घोटाले की ओर इशारा तो नहीं है।

देश में नहीं बनती है ये मशीन
30 करोड़ की लागत वाली ब्लॉक ग्राइंडिंग मशीन सिर्फ विदेशों में ही बनती है। देश में इस तरह की मशीन नहीं बनती और डीजल इंजन में लगने वाले ब्लॉक बनाने के लिए इस मशीन की जरूरत पड़ती है। जब ये मशीन मंगवाई गई थी तब डी.एम.डब्ल्यू. में डीजल इंजन बड़ी गिनती में बनाए जाते थे। इस वजह से कारखाने में 2 मशीनें मंगवाई गई थीं। इससे पहले वाली मशीन इटली से आई थी।  

कोस्मो के तहत खरीदी जाती हैं मशीनें
सैंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर मॉडर्नाइजेशन ऑफ वर्कशॉप (कोस्मो) दिल्ली के तहत इन मशीनों की खरीदारी होती है। कोई भी मशीन डी.एम.डब्ल्यू. में आती है तो उसके लिए कोस्मो के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर (सी.ए.ओ.) और डी.एम.डब्ल्यू. के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर की जिम्मेदारी होती है। जब ये मशीन लाई गई थी उस समय डी.एम.डब्ल्यू. के सी.ई.ओ. लूथरा थे, लेकिन अब मौजूदा वक्त में सी.ए.ओ. विवेक कुमार हैं।

मशीन को लेकर पिछले सप्ताह दिल्ली में हुई बैठक
मशीन की हालत को देखते हुए एक मीटिंग पिछले हफ्ते दिल्ली में हुई है। इसमें डी.एम.डब्ल्यू. के सी.ए.ओ. और कोस्मो के सी.ए.ओ. समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए हैं। वहां इस बारे में बात की गई है कि करीब 3 साल से मशीन की फंक्शनिंग नहीं हो रही है। हालांकि इसमें कोई फैसला नहीं लिया गया है। बता दें कि देश भर में इलैक्ट्रिफिकेशन का काम चल रहा है, ऐसे में अब मांग इलैक्ट्रिक इंजनों की है लेकिन बहुत सा एरिया अभी भी ऐसा है जहां डीजल इंजन ही चल रहे हैं और उन इंजनों की आपूर्ति के लिए डी.एम.डब्ल्यू. में अभी भी डीजल इंजन बनाने का काम चल रहा है। इसके लिए मशीनों की जरूरत पड़ती है। 

कंपनी के इंजीनियर 15 बार लगा चुके हैं राऊंड 
मशीन स्पेन की कंपनी जुआरिस्टी की है और जब से मशीन आई है तब से ये काम नहीं कर रही है। हालांकि कंपनी के इंजीनियर 15 से 16 बार इसे ठीक करने के लिए आ चुके हैं लेकिन बात नहीं बनी। 

मीटिंग में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है : विवेक कुमार
चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर विवेक कुमार ने बताया कि बैठक हुई है लेकिन उसमें मशीन पर कोई फैसला नहीं हुआ है। अभी कोशिश कर रहे हैं कि मशीन ठीक हो जाए और इस पर काम किया जा सके।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

swetha

Recommended News

Related News