मातम में बदली शादी की खुशियां, बहन की डोली उठने से पहले उठी भाई की अर्थी

punjabkesari.in Friday, Dec 06, 2019 - 03:19 PM (IST)

अमृतसर (संजीव): वे सानूं कलेयां छड्ड के कित्थे चला गया वे तूं अनूप, असीं ता तेरे सेहरियां दी तैयारी करी बैठे सी। तूं ता अजे आपनी भैन दी डोली वी तोरनी सी ते तूं ही सानू इस तरह छड्ड के चला गया। यह मंजर था झबाल रोड पर स्थित वाहेगुरु सिटी में स्थित त्रिलोक सिंह के घर का। जिसके 27 वर्षीय बेटे अनूप सिंह नरुला को हरीके रोड पर स्थित गांव बू-हवेलियां में बीच सड़क पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा जलाकर मौत के घाट उतार दिया था और जब यह खबर उसके घर पहुंची तो घर का माहौल मातम में बदल गया।
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त्रिलोक सिंह की बेटी नैंसी व बेटे अनूप सिंह के विवाह की तैयारियां चल रही थीं। 19 जनवरी को नैंसी का विवाह तय हुआ था और 14 फरवरी को अनूप सिंह की शादी होनी थी। कल शाम तक घर में दोनों के विवाह की खरीदारी चल रही थी, मगर आज सुबह जब बेटे अनूप की हत्या होने की खबर घर में पहुंची तो उसने जैसे नरुला परिवार की दुनिया ही उजाड़ कर रख दी। माता मनप्रीत कौर, पिता त्रिलोक सिंह, भाई करनदीप सिंह व बहन नैंसी अपने प्रिय अनूप की मौत के बाद खुद को जैसे बेसहारा महसूस कर रहे थे क्योंकि अनूप की मौत ने तीन-तीन घरों में मातम की स्थिति पैदा कर दी थी। अनूप की हत्या ने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया। एक तरफ घर में नैंसी के विवाह को लेकर शॉपिंग चल रही थी वहीं सभी घर वाले नई दुल्हन के लिए कपड़े व गहने खरीद रहे थे। घरवालों का यह फैसला था कि अनूप के विवाह से पहले उसकी बहन के हाथों में मेहंदी लगा उसके घर भेजा जाए। यही कारण था कि नैंसी के विवाह की तारीख अनूप के विवाह से पहले रखी गई थी। 


नानी ने मांगा इंसाफ
अनूप की नानी बलजीत कौर ने कहा कि उनके बच्चे अनूप के साथ बहुत बड़ा जुर्म हुआ है, दरिंदों ने उसे दर्दनाक मौत दी है। उनके परिवार को इंसाफ चाहिए, उसके नाती अनूप सिंह के कातिलों को पुलिस तुरंत गिरफ्तार करे और उन्हें फांसी तक लेकर जाए। क्या कसूर था उनके नाती का, जिसे बड़ी बेरहमी से जलाकर मौत के घाट उतारा गया। क्या कुदरत को भी रहम नहीं आया कि मासूम को इतनी दर्दनाक मौत दे रही है।

किसने किया यह जघन्य अपराध?
अनूप सिंह के साथ यह जघन्य अपराध किसने किया, किसने उसे यह दर्दनाक मौत दी, किसने बेरहमी से उसे जलाकर मौत के घाट उतारा। इस पूरे हत्याकांड के पीछे क्या कारण हैं, इस पर पुलिस बारिकी के साथ जांच कर रही है। यह भी संकेत मिले हैं कि अनूप सिंह के हाथों से सोनू का कड़ा व गले से सोने की चैन गायब थी। क्या लुटेरों ने इस वारदात को अंजाम दिया या किसी रंजिश के तहत अनूप की हत्या की गई, यह गहन जांच का विषय है। 


अनूप की दर्दनाक मौत ने झिंझोड़ कर रख दिया परिवार
अनूप सिंह को दी गई दर्दनाक मौत ने पूरे नरुला परिवार को झिंझोड़ कर रख दिया है। मां मनप्रीत व बहन नैंसी तो पूरी तरह से टूट गई थी और बार-बार दोनों अनूप का नाम लेकर चिला उठती और उसे पुकारती थी। घर में आए रिश्तेदार दोनों को सांत्वना तो दे रहे थे मगर मां-बेटी का दर्द कोई नहीं समझ रहा था। दोनों रोकर अपना दर्द तो निकाल रही थी, पिता त्रिलोक सिंह को यह दर्द अंदर ही अंदर खाए जा रहा था। जवान बेटे की मौत के बाद पिता भी अपने दर्द को संभाल नहीं पा रहा था और बार-बार घर की नुक्कड़ में जाकर आंसू बहा रहा था।


दिल्ली जाने का कह कर घर से निकला था अनूप
मरने वाले अनूप सिंह के पिता त्रिलोक सिंह ने नम आंखों से बताया कि रात 11 बजे अनूप के जाने के बाद वे कुछ देर के लिए सो गए थे। मगर मध्य रात्रि कुछ बेचेनी सी होनी लगी और 2:48 पर उनकी आंख खुल गई। जिसके बाद उन्होंने अनूप को मोबाइल पर फोन किया तब घंटी तो जा रही थी मगर उसने फोन नहीं उठाया। वह रात यह कह कर घर से निकला था कि वह काम से दिल्ली जा रहा है। ड्राइवर न मिलने की सूरत में वह खुद की गाड़ी चला कर जाने की जिद्द करने लगा। उसकी मां ने उसे रोकने का भी प्रयास किया कि सुबह चले जाना, मगर मौत कहां टलने वाली थी, जो उसे रात 11 बजे उसे घर से ले गई। उन्हें सुबह सूचना मिली कि आप के बेटे का हरीके रोड पर एक्सीडैंट हो गया है। वे तुरंत मौके पर पहुंचने के लिए निकले, रास्ते में बार-बार पुलिस से यही पूछते रहे कि उनका बेटा तो ठीक है और पुलिस भी उन्हें यही कहती रही कि बेटा ठीक है आप यहां पहुंच जाओ। जब वह लोग मौके पर पहुंचे तो उनका बेटा पूरी तरह से जला हुआ था। जैसे उसे गाड़ी से बाहर निकाल सड़क पर फैंका हो और उसके बाद उसे जला दिया हो। 
 


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