अमृतसर में बने पीतल-तांबे के बर्तनों की कारीगरी का लोहा यूनेस्को ने भी माना

punjabkesari.in Wednesday, Mar 28, 2018 - 04:47 PM (IST)

अमृतसरः जंडियाला गुरु में सदियों से ठठेरों की ओर से तैयार किए जा रहे पीतल और तांबे के बर्तनों की कारीगरी का यूनेस्को भी लोहा मान चुकी है।  जंडियाला गुरु के हस्त निर्मित इन बर्तनों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाने के लिए यूनेस्को इंटेनजिबल कल्चरल हेरीटेज की ओर से प्रचार और प्रसार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ये छात्र न केवल इन हस्तनिर्मित बर्तनों का प्रचार और प्रसार कर रहे हैं, वहीं इन्हें सही मूल्य दिलवाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर प्रदर्शित भी किया जा रहा है। कारीगर पानी की गागर, परात, डोंघे, पतीले, तांबे की बड़ी देग और अन्य पीतल और तांबे के बर्तन बड़े ही आकर्षक तरीके से बनाते हैं। काम करने वाले कारीगरों का कहना है कि पहले उनका काम इतना नहीं था।  

 

गौरतलब है कि विलुप्त हो रही कलाओं और विरासत को संभालने के प्रोजेक्ट तहत काम करने वाले दिल्ली के श्रीराम ऑलेज और यूनाइटेड सिख संस्था से जुड़ी डाली सिंह, कीर्ति गोयल ने डीसी कमलदीप सिंह संधा से कुछ समय पूर्व इस परियोजना की विस्तारपूर्वक चर्चा की थी। इस कला से जुड़े ठठेरों के कुछ ही परिवार रह गए है लेकिन ऐसी कोशिशों के कारण यह परिवार अपनी कला को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ा सकेंगे।

 


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