Burger King के शौकीन सावधान! पहले जरा पढ़ लें ये खबर
punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 10:01 AM (IST)
लुधियाना (सहगल): स्वास्थ्य विभाग द्वारा अगस्त माह में लिए गए इस्तेमाल किए गए तेल के अधिकांश सैंपल जांच में फेल सिद्ध हुए हैं। इस कड़ी में बर्गर किंग मुल्लापुर का इस्तेमाल किया गया तेल का सैंपल भी निर्धारित मानकों पर खड़ा नहीं उतरा और फेल हो गया। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार सितंबर और उसके आसपास लिए गए विभिन्न खाने-पीने की वस्तुओं के सैंपल्स में से लगभग 30 सैंपल जांच में फेल सिद्ध हुए हैं। इसमें कैनेडियन पिज़्ज़ा जगराओं का इस्तेमाल किया गया तेल जांच में सब स्टैंडर्ड सिद्ध हुआ, इसी तरह हीरा स्वीट्स लकड़बाजार, इस्लाम स्वीट्स मडिया रोड खन्ना, के टी स्वीट्स मल्हार रोड सराभा नगर का भी यूज्ड कुकिंग ऑयल का सैंपल जांच में फेल हो गया। विशेषज्ञों के अनुसार बार-बार इस्तेमाल किए गए तेल का सेवन सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक है। ऐसे में फेल हुए सैंपलों को सब स्टैंडर्ड खाने की बजाय अनसेफ घोषित किया जाए। उन्होंने बताया कि बार-बार इस्तेमाल किए गए तेल से एंट्रियां की इनर लाइन डैमेज हो जाती है जिससे अल्सर बद हजमी और कई प्रकार के रोग पैदा हो जाते हैं। जिनका उपचार लंबा चलता है।
ध्यान से खाएं पनीर, खोया बर्फी, आइसक्रीम और पकोड़े के साथ चटनी
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इस सिलसिले में मोहम्मद अहसान बेकरी शिमलापुरी से लिया गया नमक के सैंपल में आयोडीन नहीं पाया गया, हरनेक सिंह मिलरगंज से लिया गया दूध का सैंपल सब स्टैंडर्ड, फेस टू दुगरी से लिया गया एक अन्य सैंपल भी जांच में फेल हुआ। इसी तरह लसाडा स्वीट मलोट से लिया गया आइसक्रीम का सैंपल सब स्टैंडर्ड पाया गया। उन्होंने बताया कि उन्हीं दिनों में नाका लगाकर महासिंह नगर मे दूसरे जिले से सप्लाई किया जा रहे पनीर का सैंपल जांच में सब स्टैंडर्ड पाया गया यह वाहन संगरूर से आ रहा था। इसके अलावा बस स्टैंड से अचानक छापामारी कर लिया गया खोये का सैंपल भी जांच में फेल हो गया है। स्वास्थ्य अधिकारियो फेल हुए सैंपल को लेकर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी गई है उन्होंने कहा कि की खाने पीने की वस्तुओं की जांच का कार्य आगे भी जारी रहेगा और मिलावटखोरों व घटिया खाद्य पदार्थ बेचने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गुड़ और रेवाड़ियो की गुणवत्ता की हो जांच
सर्दी का मौसम शुरू होते ही बाजार में गुड रेवड़ियों और गच्चक की भरपूर आवक शुरू हो चुकी है परंतु इनके गुणवत्ता की जांच का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है। लोगों का कहना है कि अच्छा में मलाई जा रहा रंग सेहत के लिए नुकसानदायक है और अच्छा किस क्वालिटी के गाने से तैयार किया गया है। यह भी जांच का विषय है उन्होंने कहा कि लोगों की सेहत से जुड़ा हुआ मामला है इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए।
खोये और पनीर की तरह करियाना भी बिकने लगा सस्ता
बाजार में इन दोनों दूध से बने पदार्थ पनीर व खोया लागत से कम दामों पर आम ही बिकता देखा जाता है और जांच में इसके सैंपल अधिकतर फेल सिद्ध होते हैं इसी तर्ज पर करियाना कारोबारियो ने अपने फेसबुक पेज बनाकर घी, दालें, मसाले निर्धारित से कम दामों पर बेचने का प्रलोभन लोगों को दिया जा रहा हैष उदाहरण के तौर पर एक ब्रांडेड कंपनी जिसकी कीमत पर घी का डब्बा या कनस्तर के दाम निर्धारित करती है। बाजार में करियाना कारोबारी उससे कम कीमत पर लोगों को ऑफर दे रहे हैं। उपभोक्ताओं का मानना है कि ऐसी वस्तुओं की हालत भी बाजार में पनीर खोया व अन्य उत्पादों की तरह ना हो इसलिए इसमें जांच जरूरी है और स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वह इस और ध्यान देकर जांच का कार्य शुरू करें।

