Canada जाने वालों के लिए अहम खबर, जारी हुआ नया आदेश
punjabkesari.in Sunday, Dec 01, 2024 - 11:35 AM (IST)
पंजाब डेस्कः खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के मारे जाने के बाद कनाडा और भारत के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। अब भारत के दबाव के आगे झुकते हुए कनाडा ने अंधाधुंध राजनीतिक शरण देने की नीति बंद करने का ऐलान किया है। कनाडा ने कहा है कि 29 नवंबर से कोई नया आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। जिन लोगों को शरण दी जाएगी उनके आवेदनों की सख्ती से जांच की जाएगी। भारत अचनचेत रूप से सख्त रवैया अपनाकर कनाडा पर अलगाववादी तत्वों पर काबू पाने का दबाव बना रहा है। कनाडा के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर पंजाब पर पड़ेगा क्योंकि कनाडा में राजनीतिक शरण लेने वालों में सबसे ज्यादा संख्या पंजाब से है।
यह नियम 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगा
कनाडा सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि 29 नवंबर से, डिपार्टमेंट ऑफ इमीग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटीजनशिप (आई.आर.सी.सी.) प्राइवेट स्पॉन्सरशिप ऑफ रिफ्यूजीज (पी.आर.) कार्यक्रम में अधिकतम पांच लोगों के समूहों को प्रवेश की अनुमति देगा ताकि आने वाले शरणार्थियों को यकीनी बनाया जा सके। विदेश और कनाडा में स्पॉन्सर के लिए और अस्थायी तौर पर कम्युनिटी स्पॉन्सर से नए आवेदन स्वीकार करना बंद कर दिया गया है। यह नियम 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगा। नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि केवल 29 नवंबर से पहले प्राप्त आवेदनों पर ही कनाडा में निपटान के लिए विचार किया जाएगा। कनाडा 2025 में 23,000 शरणार्थियों को फिर से बसाएगा, लेकिन पहले इस पर कड़ी नजर रखी जाएगी। कनाडा में शरण चाहने वालों की संख्या अगस्त में 13,000 थी, जो सितंबर में बढ़कर 14,000 हो गई।
कनाडा के इस कदम से वहां शरण लेने वाले पंजाब के युवाओं पर असर पड़ेगा। एसोसिएशन ऑफ कंसल्टेंट्स फॉर ओवरसीज स्टडीज के सचिव सुखविंदर नंदा कहते हैं कि अकेले इस साल 30 से 40 हजार से ज्यादा छात्र और पर्यटक वीजा पर जाने वाले लोग किसी न किसी बहाने से कनाडा में राजनीतिक शरण लेने में जुटे हैं। राजनीतिक शरण का उद्देश्य किसी भी तरह कनाडा में बसना है। पंजाब से हर साल करीब पौने दो लाख छात्र स्टडी वीजा पर कनाडा जाते हैं।
इमीग्रेशन सलाहकार झूठे आवेदन दाखिल करने से बचने की दी सलाह
कनाडा के इमीग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि ऐसे छात्र बड़ी संख्या में कनाडा आते हैं और तुरंत राजनीतिक शरण मांगते हैं। मिलर ने 'झूठे शरण आवेदनों' में भारी वृद्धि के लिए इमीग्रेशन सलाहकारों की अनैतिक सलाह को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि ज्यादातर शरण के लिए कोई जायज कारण नहीं होता। दरअसल, ट्यूशन फीस न भरने के पीछे वित्तीय संकट जैसे कारण सामने आए हैं। आई.आर.सी.सी. को उन लाइसेंस प्राप्त सलाहकारों की जांच करनी चाहिए जो 'शरणार्थी दावों' के साथ आगे बढ़ने के बारे में अनुचित सलाह देते हैं।
अलगाववादी रैलियों में छात्र जानबूझकर होते हैं शामिल
पंजाब के कई छात्र कनाडा में अलगाववादी रैलियों में सबसे आगे आने की कोशिश करते हैं, ताकि वे तस्वीरें खींच सकें। साथ ही इसके आधार पर वे कनाडा में राजनीतिक शरण के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here