कैप्टन ने अपनी सरकार के खिलाफ हरसिमरत की बयानबाजी पर दिया जवाब

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2019 - 01:33 PM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी): केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की तरफ से राज्य सरकार के खिलाफ की बयानबाजी का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने याद करवाया कि उनकी पार्टी अकाली दल की सरकार दौरान अकाली नेता स्वयं ही राजसी शक्ति के बलबूते बेशर्मी और जानबूझकर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार का अनादर करते रहे हैं, परंतु इससे बिल्कुल विपरीत हमारी सरकार द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब जी की सर्वोच्चता को स्वीकृत करते हुए इसका हर पक्ष से मान और सत्कार किया जाता है। 

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उन्होंने कहा कि 10 सालों के शासन दौरान हरसिमरत बादल समेत सभी अकाली सत्ता के नशे में चूर होते थे, जिन्होंने अपने दमनकारी राज दौरान न तो श्री अकाल तख्त साहिब को बक्शा और न ही पंजाब के लोगों के साथ कोई लिहाज किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को संकुचित राजनीतिक लाभ की खातिर ऐसे कोरे झूठ बोलने बंद करने के लिए कहा। श्री गुरु नानक देव जी 550वें प्रकाश दिवस अवसर पर सांझे समागमों के मुद्दे पर हरसिमरत द्वारा उनकी सरकार के विरुद्ध लगाए आरोपों पर कै. अमरेंद्र सिंह ने कहा कि ‘यह हर कोई भलीभांति जानता है कि अहंकार में डूबे हुए आप (अकाली) श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिबान के साथ कैसा सलूक करते रहे हो और अब भी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर अपनी शर्तें थोप कर सिख संस्था का दुरुपयोग करने की घटिया चालें चल रहे हो।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसिमरत और अकालियों में सही फैसला लेने की समझ नहीं है। एक तरफ तो हरसिमरत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के प्रशंसा गीत गा रही है और दूसरीे तरफ उनका पति सुखबीर सिंह बादल हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार दौरान लोगों को भाजपा उम्मीदवारों की जमानतें जब्त करवाने की अपील कर रहा है।
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कैप्टन ने कहा कि पंजाब के लोगों ने अकालियों के इस दोहरी भूमिका का पर्दाफाश विधानसभा चुनाव में कर दिया था। कै. अमरेंद्र ने कहा कि गुरु साहब जी के 550वें प्रकाश पर्व के पवित्र मौके पर होने वाले समागम सांझे तौर पर मनाने के लिए वह कई महीनों से शिरोमणि कमेटी को निजी तौर पर अपीलें कर रहे हैं। अकाली अपनी नेतागिरी जमाने के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों को रास्ते से उतारने में लगे हुए हैं। चाहे अकाली अपने राजनीतिक हित पूर्ण करने के लिए हमेशा ही धर्म का शोषण करते आए हैं परंतु फिर भी वह आशा करते थे कि 550वें प्रकाश पर्व के ऐतिहासिक मौके पर शायद अकाली कुछ बुद्धिमत्ता दिखाए। अकालियों को जब अपने राजनीतिक हित नजर आते हैं तो फिर इनको कोई शर्म नहीं आती। उन्होंने कहा कि जिस ढंग से अकाली लीडरशिप शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अलग समागम के लिए प्रधानमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों को न्यौता देने के लिए गई थी, उससे ही इनके घृणित इरादे स्पष्ट हो जाते हैं। कै. अमरेंद्र ने कहा कि यदि अपने लाभ के लिए धार्मिक समागमों को हाइजैक करने के लिए यह निराशाजनक कोशिश नहीं है तो यह और क्या है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बिना पुष्टि वाले प्रोग्रामों का ऐलान करके हरसिमरत ने इन दोनों सर्वोच्च पदों के गौरव को चोट पहुंचाई है। 


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