सिख शक्ति को कमजोर करने की कोशिश न करे कैप्टन सरकारः भाई लोंगोवाल

punjabkesari.in Thursday, Jan 30, 2020 - 06:13 PM (IST)

अमृतसर (दीपक): सिख पंथ की सिरमौर धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को तोड़ने के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार की तरफ से चली जा रही चालों के साथ कांग्रेस का सिख विरोधी चेहरा एक बार फिर से नंगा हो गया है। इसके साथ सिद्ध हो गया है कि कैप्टन सरकार सिख मसलों को जानबूझ कर उलझाना चाहती है। परन्तु सिख पंथ पंजाब की कांग्रेस सरकार की चालों को कामयाब नहीं होने देगा और सिख संस्था को कमजोर करने वाली सोच का हर स्तर पर मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। यह प्रगटावा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लोंगोवाल ने जारी एक प्रैस ब्यान में किया है। 

उन्होंने कहा कि पंजाबी के एक अखबार में पंजाब सरकार की उस मंशा का स्पष्ट खुलासा किया गया है, जिसमें कैप्टन अमरेंद्र सिंह की सरकार शिरोमणि कमेटी का दायरा घटाने वाली हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सही कदम बताने की कोशिश में है। भाई लोंगोवाल ने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का मामला उठने के समय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और शिरोमणी अकाली दल ने इसका जोरदार विरोध किया था। आज भी इस सम्बन्धित सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है, परन्तु पंजाब की मौजूदा सरकार जानबूझ कर सिख संस्था को तोड़ने के रास्ते चल पड़ी है।

शिरोमणि कमेटी के प्रधान ने कहा कि सिखों के धार्मिक मसलों में पंजाब की कांग्रेस सरकार की तरफ से सीधी दखल अंदाजी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि शायद कैप्टन अमरेंद्र सिंह शिरोमणि कमेटी की स्थापना का इतिहास भूल गए हैं। उनको पता होना चाहिए कि इसका गठन करने के लिए पंथ को बड़ी कुर्बानियां देनीं पड़ीं थी। इस संस्था के कारण ही गुरू घरों का प्रबंध संगत के हाथों में सुरक्षित है। भाई लोंगोवाल ने कहा कि किसी भी प्रान्तीय सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि वह शिरोमणि कमेटी के मामलों में दखल दे। यह एक खुदमुख्तियार संस्था है, जो सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 के द्वारा गुरुद्वारा साहिबान का प्रबंध देखती है। इसकी चुनाव सहित किसी भी तरह की शोधें और सेधां का अधिकार क्षेत्र केवल भारत सरकार के पास है। इसलिए कैप्टन सरकार को अपने दायरे में रहना चाहिए। 


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Mohit

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