राष्ट्रपति ने नहीं दिया मिलने का समय; विधायकों के साथ दिल्ली में आज धरना देंगे कैप्टन

punjabkesari.in Wednesday, Nov 04, 2020 - 09:13 AM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी, धवन): राष्ट्रपति द्वारा मिलने के लिए समय न देने पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज ऐलान किया है कि वह विधायकों के साथ दिल्ली में बुधवार को राजघाट पर रिले धरने पर बैठेंगे जिसमें वह राज्य में बिजली संकट तथा अनिवार्य वस्तुओं की सप्लाई की कमी का मामला उछालेंगे क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा मालगाडिय़ों की आवाजाही को शुरू करने से इंकार किया गया है।

राज्य में मालगाडिय़ों को निलम्बित रखने से आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है जिससे राज्य में सभी बिजली संयंत्रों को पूरी तरह से बंद करना पड़ सकता है। साथ ही कृ षि संबंधी व सब्जियों की सप्लाई बंद हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राजघाट में सांकेतिक तौर पर रिले धरना देने का निर्णय लिया है ताकि केंद्र के ध्यान में राज्य की खराब होती स्थिति लाई जा सके। दिल्ली में धारा 144 लगी होने के मद्देनजर विधायक पंजाब भवन से 4-4 के जत्थों में राष्ट्रपिता की समाधि की तरफ जाएंगे और वह खुद पहले जत्थे का प्रात:काल 10.30 बजे नेतृत्व करेंगे। 

मुख्यमंत्री ने पंजाब की दूसरी पार्टियों के विधायकों को भी इन धरनों में हिस्सा लेने की फिर से अपील की। जी.वी.के. ने ऐलान किया है कि वह दोपहर 3 बजे से संचालन बंद कर देगा क्योंकि कोयले की मात्रा पूरी तरह खत्म हो चुकी है। राज्य में सरकारी और अन्य निजी पावर प्लांट पहले ही बंद हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की स्थिति बेहद गंभीर है क्योंकि किसानों द्वारा मालगाडिय़ों का यातायात न रोकने के फैसले के बावजूद रेलवे की तरफ से मालगाडिय़ों को चालू न किए जाने के कारण राज्य के पास कोयला, यूरिया, डी.ए.पी. और अन्य जरूरी वस्तुएं खत्म हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आज बिजली खरीद की इसकी बोली को इजाजत न मिलने के कारण राज्य को बिजली की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है और इसके साथ ही कृषि संबंधी और सब्जियों की सप्लाई पर बुरा प्रभाव पड़ा है और हाई लॉस फीडरों की बिजली सप्लाई काटी जा चुकी है। राज्य के लोग अंधेरे में त्यौहार मनाने के कगार पर हैं।
उन्होंने कहा कि रेलवे की तरफ से मालगाडिय़ों के यातायात को निरंतर और बेवजह निलंबित किए जाने से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों के लिए गंभीर निष्कर्ष निकल रहे हैं। 

विधानसभा सत्र के तुरंत बाद सभी पाॢटयों ने खेती बिलों के मुद्दे पर राष्ट्रपति के दखल के लिए उनको मिलने के लिए 4 नवम्बर का समय मांगने का सर्वसम्मति से फैसला किया था और मुख्यमंत्री कार्यालय ने 21 अक्तूबर को राष्ट्रपति भवन को पत्र भेजकर मीटिंग का समय मांगा था। 29 अक्तूबर को फिर से ज्ञापन भेजा गया जिसके जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय को बीते दिन प्राप्त हुए अर्धसरकारी पत्र में मीटिंग के लिए की गई विनती को इस आधार पर रद्द कर दिया गया कि प्रांतीय संशोधन बिल अभी राज्यपाल के पास विचार के लिए लंबित पड़े हैं।  

मुख्यमंत्री ने पंजाब के कांग्रेसी सांसदों को मिलने के लिए 2 केंद्रीय मंत्रियों द्वारा इंकार करने का गंभीर नोटिस लिया है, जिन्होंने राज्य के लिए महत्वपूर्ण गंभीर मसलों पर विचार करना था। सांसदों ने रेलवे और वित्त मंत्रालयों से मालगाडिय़ों के निलंबन और जी.एस.टी. के बकाए की अदायगी न होने के मामले पर विचार करने के लिए समय मांगा था। अमरिंदर सिंह ने चेतावनी देते कहा कि यदि स्थिति न संभाली गई तो देश, जो लोकतांत्रिक संघवाद की नींव पर टिका हुआ है, में बड़ी उथल-पुथल मच सकती है और आफत खड़ी हो सकती है।


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Tania pathak

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