Jalandhar : कठुआ से नाबालिग लड़कियां मिलने का मामला, परिजनों ने किया सनसनीखेज खुलासा

punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 10:13 AM (IST)

जालंधर (वरुण): नॉर्थ हलके से लापता होने के बाद कठुआ से बरामद हुई दोनों लड़कियों के मामले में उनके परिजनों ने बड़े खुलासे किए हैं। लड़कियों के परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस दबाव में आकर कार्रवाई न करती तो उनकी बेटियों को बेच दिया जाना था। आरोप है कि जिन दो यवकों को पुलिस कठुआ से गिरफ्तार करके लाई है वे लड़कियों की खरीद-फरोख्त करने वाले गैंग से जुड़े हैं जिनके पास अवैध हथियार भी हैं।

लड़कियों के परिजनों ने सबूत के तौर पर एक तस्वीर भी दिखाई जिसमें एक युवक दोनों हाथों में अवैध पिस्टल लेकर खड़ा है और वही युवक लड़िकयों को बहला-फुसला कर भगाने वाले युवकों की आर्थिक मदद भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस उक्त युवक को लाकर पूछताछ करे तो एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। लड़कियों के परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटियां गुज्जापीर की रहने वाली सहेली के माध्यम से उक्त लड़कों के संपर्क में आई थीं। उसी लड़की ने कठुआ के रहने वाले महेंद्रपाल उर्फ वैली और सोनी वर्मा से फोन पर बात करवाई थी और जब 20 नवम्बर को वह घर से स्कूल के लिए निकलीं तो उसी के घर जाकर उन्होंने कपड़े बदले। 

आरोप है कि दोनों युवक नाबालिग लड़कियों को अपने साथ पहले दिल्ली लेकर गए थे। वहां से वापस जालंधर लौटे और फिर पठानकोट से होते हुए कठुआ चले गए। सारा खर्चा आरोपियों में से एक युवक का कजन कर रहा था, जिसका वहां होटल है। हैरान करने वाली बात है कि जालंधर से जब पुलिस रेड करने कठुआ पहुंची तो उसी होटल में रुकी थी। लड़की के भाई ने बताया कि उसने एक आरोपी की इंस्टाग्राम आई.डी. पर उसके कजन की तस्वीर देखी थी जिसके चलते जैसे ही वह उनके सामने आया तो उसने कजन को पहचान लिया और पुलिस को बता दिया। पुलिस ने एक आरोपी के घर का पता लिया तो उसके घर रेड की लेकिन लड़का नहीं मिला। 

पुलिस द्वारा दबाव डालने पर उनके गांव के सरपंच ने एक युवक और नाबालिगा को अपने घर बुला लिया जबिक दूसरा लड़का भी जल्द पेश करने का बोला लेकिन पुलिस के दबाव के कारण अगली ही सुबह दूसरा लड़का-लड़की भी लौट आए जिन्हें लेकर पुलिस वापस जालंधर आ गई। लड़कियों के परिजनों ने यह भी आरोप लगाए कि युवकों ने कुछ दिनों को लड़कियों को अच्छे तरीके से रख कर आगे गिरोह को दे देनी थी जिन्हें फिर मुख्य गिरोह के सदस्यों ने बेच देना था। आरोपी लड़कों के गांव से भी लड़कियों के परिजनों ने पूछताछ की जिन्हें पता लगा कि उक्त दोनों युवक घर में काफी कम आते हैं और ज्यादातर बाहर ही रहते हैं। परिजनों ने कहा कि अगर आरोपी युवकों के होटल मालिक कजन से पूछताछ हो तो बड़े खुलासे हो सकते हैं। परिवार इस केस के बाद अब अपने यू.पी. स्थित गांव जाने की तैयारी कर रहा है। इस सारे मामले को लेकर ए.डी.सी.पी. आकर्षि जैन से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

पुलिस पर मेडिकल न करवाने का दबाव डालने के आरोप

लड़कियों को परिजनों ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि पुलिस ने बच्चियों का मेडिकल न करवाने के लिए उन पर दबाव डाला। दबाव के चलते उन्होंने साइन कर दिए जिसके चलते दोनों लड़कियों का मेडिकल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अगर लड़कियों का मेडिकल होता तो यह भी बात क्लीयर हो जाती कि लड़कियों के साथ कुछ गलत नहीं किया गया। मेडिकल न होने के कारण लड़कों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट भी नहीं लग सका। हालांकि फोकल प्वाइंट चौकी के इंचार्ज अवतार सिंह का कहना है कि लड़कियों ने और उनके माता-पिता ने खुद ही उन्हें कहा था कि लड़कों के गलत कुछ नहीं किया जिसके चलते उन्होंने खुद ही मेडिकल करवाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह आरोप गलत हैं।

पुलिस ने गंभीरता से जांच नहीं की: के.डी. भंडारी

नाबालिग लड़कियों के इस मामले में कार्रवाई करवाने में मदद करने वाले बी.जे.पी. के वरिष्ठ नेता के.डी. भंडारी ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से जांच करने की जगह जल्दबाजी की। उन्होंने कहा कि शहर में कई ऐसे परिवार हैं जिनकी नाबालिग बेटियां संदिग्ध हालात में गायब हो गईं और अभी तक उनका कोई सुराग नहीं लगा। वह किस हालत में हैं और कहां हैं, इसके बारे उनके परिजन भी बेखबर हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में एक स्पैशल इंवैस्टीगेशन टीम गठित करके बारीकी से जांच की जाए ताकि सच सामने आ सके और अगर वह सच में नाबालिग लड़कियों की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह से संबंधित हैं तो सख्त एक्शन लिया जाए।

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News Editor

Urmila

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