फर्जी डिग्री पर नौकरी पाने के मामले का पर्दाफाश, ट्रांसपोर्ट अधिकारी पर गिरी गाज

punjabkesari.in Friday, Sep 22, 2023 - 04:34 PM (IST)

जालंधर (नरेन्द्र मोहन): पंजाब के ट्रांसपोर्ट विभाग में भी अब बोगस अथवा फर्जी डिग्रियों के बल पर नौकरियां लेने का पर्दाफाश होना शुरू हो गया है। ट्रांसपोर्ट विभाग ने अपने हैड टेक्नीशियन को इसी आधार पर नौकरी से निकाल दिया है। दिलचस्प बात यह है कि उक्त अधिकारी अपने नियुक्ति के समय से ही विवादों में था और उसका मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चल रहा था। परंतु उसके बावजूद विभाग ने उसे पदोन्नति भी दी। सूत्र यह भी बताते हैं कि विभाग ने उन अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच करवाने का भी फैसला किया है, जो बोगस मेडिकल आधार पर अपने पिता को अक्षम दिखाकर नौकरियों पर विराजमान हैं।

ट्रांसपोर्ट विभाग में हेड टेक्नीशियन के तौर पर फुलबीर सिंह की नियुक्ति वर्ष 2012 के अंत में हो गई थी। लेकिन शीघ्र ही वर्ष 2013 में उक्त टेक्नीशियन के खिलाफ याचिका भी अदालत में दायर कर दी गई थी। 10 वर्ष जांच और अदालती मामलों में लगे और इसी दौरान उक्त टेक्नीशियन ने पदोन्नति भी ली और उसे जरूरत से अधिक चार्ज भी दिया गया जोकि अलग जांच का विषय है। जांच में यह बात सामने आई कि उक्त टेक्नीशियन की नियुक्ति जिस पद के लिए हुई थी, उससे संबंधित डिग्री उसके पास नहीं थी। बल्कि उसने कोई अन्य डिग्री दिखाकर नियुक्ति ली थी। इसी वर्ष 21 अप्रैल को हाईकोर्ट में इस मामले में अपना निर्णय दे दिया। इसके बाद परिवहन विभाग ने उक्त टेक्नीशियन को अपना पक्ष देने के लिए दो बार बुलाया। डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट पंजाब द्वारा जारी किए गए पत्र में बताया गया है कि उक्त हेड टेक्नीशियन अपना पक्ष नहीं रख पाए और न ही कोई उचित दस्तावेज पेश कर सके, जिसके चलते फुलवीर कुमार टेक्नीशियन ग्रेड प्रथम को,  जो कि सर्विस स्टेशन प्रभारी पंजाब रोडवेज मोगा में सेवाएं दे रहे थे,  को तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाला जाता है। 

यह केवल एक ही मामला नहीं है बल्कि एक दर्जन से अधिक मामले ऐसे हैं जो योग्यता दस्तावेजों को लेकर विवादों में है। इसके साथ ही ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों की भी संख्या है,  जिन्होंने तरस के आधार पर नौकरियां ले रखी हैं, अर्थात किसी कर्मचारी ने अपनी खराब सेहत का हवाला देकर नौकरी अपने बच्चों को मेडीकल आधार पर दिलवा दी जबकि वह बिल्कुल स्वस्थ रूप में रह रहे हैं। हालांकि बाद में सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया था परंतु मैडीकल आधार पर नियुक्त हुए अधिकारी अब बड़े पदों पर भी हैं।


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Content Writer

Subhash Kapoor

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