एक बार फिर हाईकोर्ट पहुंचा लतीफपुरा के अवैध कब्जों का मामला
punjabkesari.in Saturday, Aug 05, 2023 - 12:00 PM (IST)

जालंधर : इंप्रूवमैंट ट्रस्ट जालंधर की 110 एकड़ स्कीम (गुरु तेग बहादुर नगर) के साथ लगते क्षेत्र में पिछले कई सालों से बने लतीफपुरा मोहल्ला संबंधी मामला एक बार फिर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है जहां इस मामले में याचिका दायर कर दी गई है। सोहन सिंह तथा अन्य याचिकाकर्त्ताओं ने हाईकोर्ट के वकील एडवोकेट आर.एस बजाज और एडवोकेट सिदकजीत सिंह बजाज के माध्यम से दायर की गई याचिका में तर्क दिया है कि अदालती आदेशों के बाद 9 दिसंबर 2022 को लतीफपुरा के कब्जों पर जो एक्शन हुआ, उसका कोई लाभ याचिकाकर्त्ताओं को नहीं हुआ क्योंकि गिराए गए कब्जों का सारा मलबा भी वहीं पड़ा है और जो सड़क पहले 50 प्रतिशत चल रही थी वह अब 100 प्रतिशत बंद हो चुकी है ।
अब पूरी सड़क पर कब्जाधारियों ने कब्जा जमा लिया है जिस कारण याचिकाकर्त्ता अब अपने प्लाटों तक पहुंच भी नहीं सकते। माननीय अदालत ने याचिका पर अगली सुनवाई 7 नवंबर 2023 को निर्धारित कर दी है। गौरतलब है कि इस याचिका में पंजाब सरकार को चीफ सैक्रेटरी के माध्यम से लोकल बॉडीज विभाग को प्रिंसिपल सैक्रेटरी के माध्यम से, जालंधर प्रशासन को डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से, इंप्रूवमैंट ट्रस्ट जालंधर को चेयरमैन के माध्यम से, जालंधर नगर निगम को कमिश्नर के माध्यम से और जालंधर पुलिस को पुलिस कमिश्नर के माध्यम से पार्टी बनाया गया है। माननीय अदालत ने इन सभी को नोटिस जारी कर दिए हैं और अगली तिथि तक जवाब देने को कहा गया है।
लतीफपुरा मामले की पूरी टाइमलाइन
- 2006 , 2007 :
इंप्रूवमैंट ट्रस्ट की 110 एकड़ स्कीम के कुछ प्लाटों पर अवैध कब्जे के विरोध में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई।
- 16.8.2012 :
माननीय उच्च अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद अवैध कब्जों को हटाने के आदेश जारी किए।
- 13.12.2012 :
दूसरे पक्ष के कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए परंतु उनकी याचिका को निरस्त कर दिया गया ।
-2.12. 2013
कब्जा करके बैठे लोगों की सुनवाई के लिए एक कमेटी गठित हुई ।
- 9.1.2014
इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के पूरे हाउस ने कब्जाधारियों की ओर से आए सभी डिस्मिस कर दिए और पंजाब सरकार ने भी प्रस्ताव पास कर दिया।
- 2014
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक बार फिर यही मामला याचिका के रूप में पहुंच गया।
- 10.2.2014
हाईकोर्ट में याचिका निरस्त हो गई और पंजाब सरकार पास जाने के आदेश जारी हुए।
- 11.3.2014
पंजाब सरकार ने पूरे क्षेत्र की दोबारा पैमाइश संबंधी आवेदन को रद्द कर दिया
- 3.12.2016
याचिकाकर्ताओं ने अदालती आदेश लागू ना होने पर कंटेंप्ट आफ कोर्ट संबंधी लीगल नोटिस भेजे।
- 2019
अवैध कब्जों पर कोई एक्शन ना होने के चलते अदालत की अवमानना संबंधी याचिका हाईकोर्ट में दायर कर दी गई।
- 21.8.2019
पंजाब के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने अवैध कब्जों को हटाने के निर्देश विभागों को भेजे।
- 15.11.2021
ट्रस्ट चेयरमैन ने स्टेटस रिपोर्ट भेजकर कब्जे न हटने संबंधी जालंधर पुलिस पर सारा दोष मढ़ दिया।
- 23.9.2022
याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट चले गए जहां से हाईकोर्ट को निर्देश हुए कि 3 महीने में मामले को निपटाया जाए।
- 9.12.2022
लतीफपुरा पर बड़ा एक्शन करके सभी कब्जों को गिरा दिया गया।
- 12.12.2022
प्रशासन और ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश करके कहा कि सभी कब्जे हटा दिए गए हैं।
- 9.1.2023
हाईकोर्ट ने कब्जों के संबंध में दायर हुई याचिका को निरस्त कर दिया।
- 13.6.2023
याचिकाकर्ताओं ने फिर प्रशासन, पुलिस और ट्रस्ट पास फरियाद लगाई कि कब्जों को अभी तक दूर नहीं किया गया और अब तो प्लाटों तक जाना भी मुश्किल है।
पावरकॉम का भी दोष निकाला गया
याचिकाकर्त्ताओं ने अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जो याचिका दायर की है, उसमें पावरकॉम के अधिकारियों का भी कसूर निकाला गया है। याचिका में कहा गया है कि लतीफपुरा में प्लाटों और सड़क पर जो लोग अस्थाई घर बनाकर रह रहे हैं, उन्होंने पास से गुजरती तारों से कुंडी कनैक्शन ले रखे हैं। पता चला है कि इस संबंधी याचिका के साथ चित्र भी लगाए गए हैं । याचिका में कहा गया है कि बिजली चोरी के इस मामले पर पावर काम के संबंधित अधिकारी कोई एक्शन नहीं ले रहे और मूकदर्शक बने हुए हैं।
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