हैकर रोज निकाल रहे ऑनलाइन फ्रॉड के नए तरीके, अब ऐसे हो रही है लोगों से ठगी
punjabkesari.in Monday, Sep 11, 2023 - 01:00 PM (IST)

अमृतसर : जब से देश में सभी कार्य व विभागों ने अपने आपको ऑनलाइन करने की कवायद छेड़ी हुई है, तब से ही ऑनलाइन फ्राड के मामले काफी संख्या में सामने आ रहे है। गौरतलब है कि सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए सभी विभागों के कार्य ऑनलाइन करने प्रति प्रयासरत है और इनमें बैंक व अन्य पैसे संबंधी बने एप्स वगैरा भी अछूते नहीं है, परंतु अब ये लोगों के लिए सुविधा कम और असुविधा साबित हो रही है। ऑनलाइन फ्रॉड वाले इतने शातिर हैं कि शिक्षित व पढ़े-लिखे लोगों को भी अपनी बातों के झांसे में लेकर उनसे मोटी राशि का फ्रॉड कर डालते हैं। ये नहीं कि इस संबंध में पुलिस को ज्ञात नहीं है, ऐसे फ्रॉड कई पुलिस वालों के साथ भी हो चुके हैं, जिन्होंने अपनी बचत की लाखों रुपए की राशि इस धोखाधड़ी में खो दी। अधिकांश लोग अपने मोबाइल फोन पर ही बैंकों व पैसों व बचत संबंधी सारी जानकारियां रखते हैं।
अब ई-चालान के नाम पर लोगों से हो रहा ऑनलाइन फ्रॉड
मोबाइल को हैक करने वाले दिन-प्रतिदिन नए तरीकों से लोगों को ठगने की योजना खोज रहे हैं। अब जब से मैटरों व स्मार्ट सिटी शहरों में कैमरों से वाहनों ई-चालान भेजने का सरकार ऐलान कर रही है, तब से ही सरकार के इसी फरमान को ये हैकर एक नए हथकंडे के तौर पर अपना रहे हैं। ये हैकर लोगों को मोबाइल पर टेक्सट मैसे भेजकर लोगों को परिवहन विभाग का लिंक भेज लोगों को डराकर खूब पैसे कमा रहे हैं। लोग पहले तो मोबाइल फोन पर इन मैसेज को देखकर घबरा जाते हैं और फिर जब मैसेज में दिए लिंक को खोलते हैं तो उनके खातों से पैसे ये हैकर तुरंत निकाल लेते हैं। इस प्रकार ये हैकर नए तरीके से भोले बाले लोगों को ठगने का कार्य को सरअंजाम कर रहे है। हालांकि सरकार, पुलिस व परिवहन विभाग ऐसे मैसेजों के बारे में लोगों को अपने स्तर पर जागरूक जरूर कर रही है, परंतु ये शातिर क्रिमिनल मांडेड लोग लोगों की खून पसीने की कमाई को ऑन लाइन फ्रॉड के तहत हाथों हाथ लूट रहे है और पुलिस इन मामलों में केवल मामला दर्ज करने तक ही सीमित दिखाई दे रही है।
पैसों की पैमेंट को सुलभ बनाने के लिए बनाए गए थे एप्स
पैसों के आदान-प्रादान करने के लिए सबसे सुलभ कार्य मोबाइल फोन द्वारा एक अकाऊंट से दूसरे अकाऊंट में ट्रांसफर करना बनाया गया था, परंतु इस सिस्टम को शातिर लोगों ने ठगी करने का साधन बना लिया। इसके अलावा अब मोबाइल फोन पर कई एप्स, गूगलपे, फोन पे, पी.टी.एम. व कई आन लाईन एप्स आदि विशेषज्ञों ने लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाए गए थे, परंतु ये एप्स अब ठगी करने वाले शातिर लोगों ने अपने हथियार बना लिए हैं, जिससे वे कही बैठे हुए भी मात्र कुछ ही मिनट में ही किसी के बैंक खाते से पूरी राशि निकाल लेते हैं।
अन्य प्रकार से भी हैकर मारते है ठगी
हैकर लोग भोले भाले लोगों को मोबाईल फोन पर कई प्रकार सुविधाएं देने का झांसा देते हैं या फिर धमकाते हैं कि आपका क्रेडिट कार्ड खत्म हो रहा है या फिर आपका सिम नंबर की वैलेडिटी खत्म होने के कारण बंद किया जा रहा है, क्योंकि आपकी पूरी जानकारी हमारी कंपनी के पास नहीं है और अगर आपको यही नंबर जारी रखवाना है तो आप ऐसे करेंगे तो आपको एक ओ.टी.पी. नंबर आएगा, जो हमसे शेयर करना होगा। जब व्यक्ति ओटीपी नंबर शेयर करता है तो फिर पांच मिनट के भीतर ही उसका बैंक खाता हैकर खाली कर देता है।
पुलिस के लिए फांस की हड्डा बने ऐसे मामले
ऑनलाइन फ्रॉड के ऐसे कई मामले अभी भी अमृतसर की सिटी व देहांती पुलिस के लिए फांस की हड्डी बने हुए है, यानि अभी तक हल नहीं हो पाए है। ऐसे मामलों के मद्देनजर पुलिस जानकारी मिलने पर केसों को दर्ज तो कर देती है, परंतु इनके हल करने मे असमर्थ ही साबित होती है। हालांकि पुलिस ने इस प्रति अब एक अलग से साईबर सैल बनाया हुआ है, जो हैकर की काफी हद तक जानकारी तो जुटा लेता है, परंतु फिर अपराधी को ट्रेस करने को लेकर पुलिस माथा पीटती रह जाती है।
लोगों को होना पड़ेगा जागरूक
लोगों को अब ऐसे मामलों प्रति खुद ही जागरूक होना पड़ेगा तो ही ऐसे मामलों पर अंकुश लग पाएगा। अगर किसी को भी किसी अपरिचित लोगों से फोन आता है तो वे फिर फोन को ध्यान से सुने और किसी को भी न तो कोई भी ओ.टी.पी. शेयर करें व न ही बैंक संबंधी या फिर क्रेडिट कार्ड संबंधी जानकारी किसी से सांझा करें। वर्ना ये जानकारियां सांझा करने से किसी भी समय किसी के साथ ऑनलाइन फ्रॉड हो सकता है।
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