किसान आंदोलन के चलते केंद्र सरकार का नया फरमान

punjabkesari.in Friday, Dec 25, 2020 - 07:05 PM (IST)

पटियाला/रक्खड़ा (राणा): एक तरफ देश के सभी किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर कृषि कानूनों को वापिस करवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं और पंजाब में सारे केंद्रीय टोल प्लाजा फ्री किए हुए हैं और धीरे-धीरे दूसरे राज्यों में भी टोल प्लाजा फ्री करने के ऐलान किए जा रहे हैं। दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून वापिस लेने या किसानों की सुनवाई करने की बजाय सारे देश वासियों पर 1 दिसंबर 2017 से पहले खरीदे 4-जी वाहनों पर जनवरी 2021 से सभी वाहनों पर फास्ट टैग लगवाने जरुरी ऐलान दिया गया है और अप्रैल 2021 से लागू हो जाएगा। इतना ही नहीं फास्ट टैग लगवाने के लिए वाहन का बीमा करवाना और कमर्शियल वाहनों के लिए नेशनल परमिट लेने के लिए भी फास्ट टैग लगवाना जरुरी है। 

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा नए वाहनों की बिक्री मौके अलग-अलग एजेंसियों द्वारा 5 वर्षीय बीमा योजना को भी लागू किया गया है, जो बीमा करने की आड़ में वाहन खरीददारों की शरेआम सीधी लूट की जा रही है। अगर पहले साल ही वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है और बीमा कंपनी के साथ कलेम आदि सैटल हो जाता है तो बाकी के सालों की बीमा रकम किस खाते में जाएगी। सीधे तौर पर केंद्र सरकार बीमा कंपनियों को लोगों की सीधी लूट करने की इजाजत दे रही है और लोगों की बेबसी है कि वह लूट का शिकार तो हो रहे हैं लेकिन उनकी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही। 

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वाहनों की खरीददारी मौके रजिस्ट्रेशन फीस के साथ-साथ रोड टैक्स और काओ सैस भी वसूला जाता है लेकिन बाद में सड़कों पर टोल टैक्स के रूप में और अब फास्ट टैग के रूप में वाहन मालिकों द्वारा अदा किया जाता टैक्स शरेआम सरकारी लूट ही है। इसके उल्ट सड़कों पर घूमते आवारा पशू और बेसहारा गऊओं के कारण रोज हो रहे हादसों में जानी नुक्सान की भरपाई करने के लिए कोई भी सरकार, संस्था या अधिकारी पाबंद नहीं है।


 


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Mohit

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