अनमोल बिश्नोई के लिए केंद्र का गृह मंत्रालय बना सुरक्षा ''कवच''!
punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 01:56 PM (IST)
फिल्लौर (भाखड़ी): c जिसके तहत अनमोल बिश्नोई अब पूरे एक वर्ष तक तिहाड़ जेल में रहेगा। उसे न तो अब पंजाब पुलिस यहां लाकर सिद्धू मूसेवाला कत्ल केस में उससे पूछताछ कर सकती है और न ही अन्य किसी भी प्रदेश की पुलिस उसे अपने प्रदेश पूछताछ के लिए ले जा सकेगी। गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई पर पंजाब में सिद्धू मुसेवाला के कत्ल केस साहित 7 बड़े आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि महाराष्ट्र में एन.सी.पी. नेता और पुर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की हत्या के अलावा सलमान खान के घर के अपर फायरिंग करवाने के मामले दर्ज है।
साबरमती जेल में बंद गैंगस्टर लारैंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई जिसे हाल ही में देश की सुरक्षा एजैंसी एन.आई.ए. के अधिकारी अमरीका से गिरफ्तार कर भारत लाए थे, के भारत आते ही पंजाब पुलिस व पंजाब की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की टीमों ने पूरी तरह से अनमोल को पंजाब लाने की तैयारी कर ली थीं। गत दिवस एन.आई.ए. ने अनमोल से पूछताछ के दौरान जैसे ही अदालत में पेश कर कहा कि अब उन्हें उसकी जरूरत नहीं तो अदालत ने उसका ज्यूडीशियल रिमांड खत्म करते हुए तिहाड़ जेल भेज दिया।
अनमोल के तिहाड़ जेल जाने के बाद पंजाब, राजस्थान व महाराष्ट्र की पुलिस अपने पास दर्ज मुकद्दमों के संबंध में उसे वहां से लाने की तैयारी कर रही थी तो तभी देश के गृह मंत्रालय ने उनकी तैयारियों पर पानी फेरते हुए अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा साहिता (बी.एन.एस.) की धारा-303 की इस्तेमाल करते हुए आदेश जारी कर दिया कि गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई एक साल तक तिहाड़ जेल से बाहर नहीं भेजा जा सकता।
अगर किसी भी प्रदेश की पुलिस ने उस से पूछताछ करनी है तो वह तिहाड़ जेल जाकर उस से मिलकर बातचीत कर सकते हैं। गृह मंत्रालय ने यह फैसला ऐसे समय में लिया जब पंजाब पुलिस अनमोल बिश्नोई को सिद्धू मुसेवाला हत्याकांड में पंजाब लाकर उस से पुछताछ के दौरान अहम जानकारियां हासिल कर सकती थी कि मूसेवाला को मारने के लिए उन्हें फिरौती किसने दी और उसे मारने के लिए हथियार कहां से मंगवाए थे जो शूटरों को दिए गए। गृह मंत्रालय की इस कार्रवाई से एक बात स्पष्ट हो गई है कि आरोपी अनमोल बिश्नोई तिहाड़ जेल में अब पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा। केंद्र सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला अनमोल बिश्नोई के लिए सुरक्षा कवच बन गया है।
इस से पहले केंद्र सरकार ने अनमोल के बड़े भाई गैंगस्टर लॉरैंस बिश्नोई के लिए भी इसी कानून के अंतर्गत फैसला सुनाते हुए उसे तिहाड़ जेल से साबरमती जेल भेज दिया था। गत 24 अगस्त को उस फैसले की अवधि समाप्त हो गई थी, उसके बाद ग्रह मंत्रालय ने लॉरैंस को तेहाड़ जेल में रखने के लिए अपने फैसले की अवधि एक वर्ष के लिए और बढ़ा दी थी। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय का यह फैला लॉरैंस गैंग के पतन का कारण बनेगा या फिर उसके गैंग को अब दोनों भाई जेल से चलाकर और मजबूत कर लेंगे, यह आने वाला समय ही बताएगा।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-303 ऐसी धारा है जो केंद्र सरकार को पावर देती है कि वह किसी भी खतरनाक हाई प्रोफाइल अपराधी आतंकवादी या फिर हाई रिस्क आरोपी को किसी भी एजैंसी की कस्टडी से दूर रख सकती है। अनमोल बिश्नोई के पक्ष में सह फैसला भी इन्हीं बातों के चलते दिया गया है क्योंकि अनमोल बिश्नोई हाई प्रोफाइल अपराधी है जो अमरीका में बैठा भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था जिसके चलते उसे गैंगस्टर गोल्डी बराड़, पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी के अलावा अन्य बड़े अपराधियों से जान का खतरा है।
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