शहर में सरेआम बिक रहे हैं कैमीकल वाले फास्टफूड

punjabkesari.in Monday, Oct 01, 2018 - 09:12 AM (IST)

मानसा(मित्तल): फास्ट फूड के शौकीन अब सावधान हो जाएं क्योंकि इनको खाने से वे कई तरह की बीमारियों को न्यौता दे सकते हैं क्योंकि फास्ट फूड को बनाने के लिए कई तरह के कैमीकल्ज आदि के उपयोग से जहां ये कैमीकल फास्टफूड के स्वाद को और भी भर देते हैं वहीं ऐसे पकवान जानलेवा भी सिद्ध हो सकते हैं।

कार्रवाई जारी : सहायक सिविल सर्जन
सहायक सिविल सर्जन डा. सुरिंद्र सिंह ने कहा कि पूरे जिले में लोगों को साफ-स्वच्छ खाने वाली चीजें मुहैया करवाने के लिए सेहत विभाग पूरी तरह वचनबद्ध है। लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वालों पर नकेल कसने के लिए टीमों का गठन किया गया है, जो समय-समय पर छापेमारी करके ऐसे गलत लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं तथा यह मुहिम लगातार जारी रहेगी। 

क्या हैं फास्ट फूड दुकानें 
मार्कीट में फास्ट फूड दुकानों पर बची हुई व रसमोड चीजें होती हैं। इनके पकवान के लिए तेल भी अच्छी किस्म का नहीं होता, जिस बर्तन में तैयार किए जाते हैं, वह काफी पतला व खराब हालत का होता है। जब प्याज, पत्ता गोभी, आलू, उबले छोले व अन्य मसाले डाल कर तैयार पकवान को डबल रोटी या फिर थाली में डाल कर परोसा जाता है, यह पूरी तरह तेजाबी हो जाता है व सेहत के लिए घातक है। इससे शरीर में तेजी आनी शुरू हो जाती है और पेट, दिल, दिमाग व अन्य भयानक रोग पैदा हो जाते हैं। शहर में बर्गर, पीजा, नूडल्ज, डोसा, मनचूरियन, हॉटडाग, कुल्चे आदि फास्टफूड सरेआम बिक रहे हैं। 

समाज-सेवी संस्थाएं आगे आएं

समाज सेवी संस्थाएं ऐसे पकवानों से सेहत को पहुंचने वाले नुक्सान के बारे सैमीनार व कैंप भी लगाए जाएं क्योंकि समाज में पैदा हुई बुरी अलामतों से यह प्रवृत्ति और भी घातक सिद्ध हो रही है। सेहत विभाग को भी ऐसा वर्तारा रोकने के लिए चौकस होना पड़ेगा। 

पश्चिमी कल्चर 
पश्चिमी कल्चर के हावी होने पर नौजवान लड़के-लड़कियों के चेहरे बदल रहे हैं। उनके खाने-पीने के तौर तरीके में तबदीली आई है। भड़कीला बाना व चटपटा खाना, गंदा लिटरेचर, अश्लील फिल्में देखने के आदी हो रहे हैं। उनके पेट में ऐसे जीन्स पैदा हो रहे हैं जो चटपटा बेरुखा खाना पसंद करते हैं। 


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swetha

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