कैबिनेट बैठक में सी.एम. चन्नी ने राज्य के व्यापारियों के लिए किए ये बड़े ऐलान
punjabkesari.in Wednesday, Dec 01, 2021 - 08:05 PM (IST)

चंडीगढ़: राज्य के कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब मंत्रिमंडल ने साल 2014-15 से लेकर 2017-18 तक के चार सालों के ‘सी ’ फार्म संबंधी मामलों में से लगभग 1.50 लाख मामलों को मूल्यांकन से मुक्त कर दिया है। इस कैटागरी अधीन हरेक साल अब सिर्फ 8500 के लगभग मामलों का ही मूल्यांकन होगा। इस फैसले से राज्य के खजाने पर 200 करोड़ रुपए का वित्तीय भार पड़ेगा। यह फ़ैसला आज बाद दोपहर पंजाब भवन में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की मीटिंग दौरान लिया गया। राज्य में व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों को रियायत देने के लिए मंत्रिमंडल ने किसी केस में अतिरिक्त मांग की 70 प्रतिशत हिस्सा भरने से छूट दे दी है और व्यापारी को अब अतिरिक्त मांग का 30 प्रतिशत ही जमा करवाना होगा। इस फैसले के साथ खजाने पर लगभग 940 करोड़ रुपए का वित्तीय खर्चा सहन करना पड़ेगा। इसके साथ उनको अब अतिरिक्त मांग के 30 प्रतिशत हिस्से 20 प्रतिशत राशि भरनी होगी और बाकी का 80 प्रतिशत 31 मार्च, 2023 तक भरना होगा।
बैठक में घड़ूंआं (एस.ए.एस.नगर), राजासांसी (अमृतसर) और दोरांगला (गुरदासपुर) को सब-तहसील के तौर पर अपग्रेड करने को परवानगी दी है। घड़ूंआं को सब-तहसील के तौर पर अपग्रेड किया जाएगा जिस में एक कानूनगो सर्कल, 11 पटवार सर्कल और 36 गांव होंगे, दोरांगला में 2 कानूनगो सर्कल, 16 पटवार सर्कल और 94 गांव होंगे, जबकि राजासांसी में 3 कानूनगो सर्कल, 18 पटवार सर्कल और 4 गांव शामिल होंगे।
बैठक में चार किसानों और एक पत्रकार, जिनकी 2 अक्तूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश में घटी घटना में मौत हो गई थी, के परिवारों/कानूनी वारिसों को पंजाब सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री राहत फंड में से पहले जारी किए गए कुल 2 करोड़ रुपए में से 50-50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए परवानगी दे दी है।
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