पैंट छोटी होने के कारण प्रिंसीपल और टीचर ने पीटा व जलील किया, स्टूडैंट ने किया Suicide

punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2019 - 12:15 PM (IST)

लुधियाना (राज): डाबा के गुरमेल निवासी एक युवक ने प्रात: घर में रस्सी से फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। मृतक 11वीं के स्टूडैंट धनंजय तिवारी (18) के परिवार वालों ने स्कूल के डायरैक्टर, टीचर और प्रिंसीपल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने उसके बेटे की बेइज्जी की गई, फिर हाथ बांधकर पिटाई की गई थी। उनका आरोप है कि स्कूल टीचर्स और प्रिंसीपल द्वारा प्रताडि़त करने के कारण उसके बेटे ने यह कदम उठाया है। हालांकि, स्कूल प्रिंसीपल और टीचर्स ने आरोपों को झूठा बताया है। 


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नहीं हुई आरोपियों की गिरफ्तारी
उधर, थाना डाबा की पुलिस ने मृतक के पिता बृजराज के बयानों पर स्कूल के डायरैक्टर, प्रिंसीपल और आरोपी टीचर के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया है। अभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जानकारी के मुताबिक धनंजय का पिता बृज राम तिवारी फैक्टरी में काम करता है, जबकि मां कमलेश गृहिणी है। उनके 3 बच्चों में धनंजय सबसे बड़ा था। इसके बाद बेटी सरिता और सबसे छोटा बेटा आशु है। उनका परिवार डाबा के गुरमेल नगर इलाके की गली नंबर-4 में रहते हैं जबकि वे मूल रूप से यू.पी. के जिला गोंडा के रहने वाले हैं। बृज राम व कमलेश ने बताया कि उसका बेटा ढंढारी कलां स्थित एस.जी.डी. ग्रामर सीनियर सैकेंडरी स्कूल में 11वीं का छात्र था। कुछ दिनों पहले उनके बेटे ने स्कूल की नई पैंट ली थी, मगर आजकल के फैशन के हिसाब से थोड़ी ऊंची ले ली थी। टीचर्स ने पैंट बदलने के लिए कहा तो धनंजय ने कहा कि जब पिता को तनख्वाह मिलेगी तो वह नई ले लेगा। 2 दिन पहले धनंजय की 2 टीचर्स उसे काफी बोली और उसे क्लासरूम में काफी बेइज्जत किया। इसके बाद उसे पकड़ कर प्रिंसीपल के रूम में ले गए जहां टाई से उसके हाथ बांधकर उसे पीटा गया था।


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धनंजय ने स्कूल जाने से कर दिया था इंकार

इसी दौरान उसकी पैंट की हुक खोलकर उसे बेइज्जत भी किया गया था। घर पहुंचने पर मृतक ने सारी बात उसे बताई थी। कमलेश अगले दिन उसके स्कूल भी बात करने के लिए गई थी, मगर स्कूल वालों ने उसकी एक बात नहीं सुनी थी, उलटा उसे भी स्कूल से बाहर निकाल दिया था। इसके बाद धनंजय ने स्कूल जाने से ही मना कर दिया था। उसने 2 दिन से खाना तक नहीं खाया था। वीरवार की रात भी उसने खाना नहीं खाया। वह काफी समय तक उसके पास बैठी रही और उसे खाना खिलाने की कोशिश करती रही। देर रात धनंजय ने कहा कि वह रोटी खा लेगा और उसने खुद को अकेला छोडऩे के लिए कहा था। वह रात करीब 2 बजे सोने के लिए अपने कमरे में चली गई, मगर काफी देर तक उसे नींद नहीं आई। एक घंटे बाद वह दोबारा धनंजय के कमरे में गई जहां अंदर से कुंडी लगी हुई थी। उसने दरवाजा खटखटाया मगर धनंजय ने अंदर से लॉक नहीं खोला। फिर उसने दरवाजे को जोर से धक्का दिया तो कुंडी निकल गई। जब वह अंदर गई तो उसके होश उड़ गए, धनंजय रस्सी के सहारे फंदे से लटक रहा था। उसने शोर मचाकर पति को बुलाया, फिर  पड़ोसियों की मदद से धनंजय को उतार कर नजदीकी अस्पताल ले गए थे जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

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