कंपनियों ने डीलरों को तेल की सप्लाई देने से पीछे खींचे हाथ, पंप भी होने लगे ड्राई
punjabkesari.in Wednesday, Mar 09, 2022 - 09:06 PM (IST)
लुधियाना (खुराना): प्राइवेट तेल कंपनियों रिलायंस व एस.आर. ने पंजाब भर में अपने डीलरों को तेल की पर्याप्त मात्रा में सप्लाई देने से हाथ पीछे खींच लिए है। चर्चा है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आए जबरदस्त उछाल के कारण कंपनियों को तेल की बिक्री करने में करीब 20 से 25 रुपए प्रति डीलर का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ट्रेड से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो राज्य भर में निजी कंपनियों से संबंधित अधिकतर पेट्रोल पंप सूख चुके हैं। वहीं अन्य पंपों को पर्याप्त मात्रा में तेल की सप्लाई तक नहीं दी जा रही है। इसके कारण डीलरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रिलायंस कंपनी से संबंधित डीलर कैप्टन रणवीर सिंह पठानिया ने दावा किया है कि असल में कंपनी का सप्लाई सिस्टम ही दुरुस्त नहीं है जिसके चलते न केवल परेशानियों का सामना करना पड़ा है बल्कि आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा है। रिलायंस कंपनी का पंजाब में एकमात्र सप्लाई डिपो पात्रा में बना हुआ है जहां से प्रत्येक डीलर को पेट्रोल व डीजल की सप्लाई मुहैया करवाई जा रही है। यहां भी कंपनी के पास उचित मात्रा में सप्लाई वाहन नहीं होने का खामियाजा भी डीलरों को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि पेट्रोल पंपों पर डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं पहुंच रही है। पठानिया ने कहा गत दिनों किसान आंदोलन के कारण निजी कंपनियों के पेट्रोल पंप बंद रहने के चलते डीलरों को बड़ा नुकसान हुआ है तो वहीं मौजूदा समय दौरान भी पिछले करीब 2 सप्ताह से पेट्रोल पंपों पर डिमांड के मुताबिक तेल की सप्लाई नहीं पहुंच रही है। अगर पेट्रोल है तो डीजल नहीं मिल रहा और अगर डीजल है तो पेट्रोल की किल्लत बनी हुई है मतलब डीलरों को दोहरी मार पड़ रही है। वही पंथ के रोजाना खर्चे बिजली पानी व स्टाफ की तनख्वाह भी देनी ही पड़ेगी।
पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के प्रधान परमजीत सिंह ने कहा कि प्राइवेट कंपनी से संबंधित पेट्रोल पंप पर तेल की सप्लाई नहीं मिलने के कारण सरकारी कंपनियों के पंपों पर बिक्री का ग्राफ एकाएक बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट कंपनियों को प्रति लीटर 20 रुपए का घाटा उठाना पड़ा। मार्च के पहले सप्ताह में सरकारी पंप पर बिक्री के पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। सीजन में होने वाली संभावित तेजी को देखते हुए किसानों, जमीदारों, ट्रांसपोर्टर्स, बड़े औद्योगिक घरानों ने एडवांस में ही तेल खरीद कर बड़े स्टॉक जमा कर लिए हैं। अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें पिछले कुछ समय दौरान 75 से बढ़कर $130 प्रति बैरल की है सरकारी कंपनियों के मात्र 1 सप्ताह में 30 फ़ीसदी का रिकॉर्ड तोड़ उछाल दर्ज किया गया है। इस बीच सरकारी पेट्रोल पंपों पर भी तेल खत्म होने के चलते वाहन चालकों को मायूस होकर वापस खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
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