कैप्टन के नेतृत्व में कांग्रेसी सांसद और विधायक 4 नवंबर को दिल्ली में निकालेंगे मार्च

punjabkesari.in Friday, Oct 30, 2020 - 10:08 AM (IST)

जालंधर (धवन): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसी सांसदों व विधायकों द्वारा 4 नवम्बर को दिल्ली में इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ मार्च निकालने का निर्णय लिया गया है तथा उसके बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह, पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ व पार्टी के वरिष्ठ मंत्री राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें ज्ञापन भी देंगे।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए समय मांगा था। राष्ट्रपति भवन की ओर से अभी तक कोई बुलावा न आने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने का आज फैसला ले लिया। पंजाब कांग्रेस कमेटी के अलावा मुख्यमंत्री द्वारा इस मार्च में शामिल होने के लिए आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल व अन्य सभी पार्टियों को भी निमंत्रण दिया जाएगा।

पता चला है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने इस विषय को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जिनमें प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ भी शामिल हैं, के साथ आज चर्चा की जिसमें यह निर्णय हुआ कि अब कृषि बिलों को लेकर लड़ाई दिल्ली में लडऩी पड़ेगी ताकि केंद्र सरकार की आंखें खोली जा सकें। 

राज्यपाल के फैसले पर टिकी नजरें
पंजाब विधानसभा में पारित किए गए 3 कृषि संशोधन बिलों का मामला फिलहाल पंजाब के राज्यपाल के दरबार में ही लम्बित पड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा बुलाए गए विशेष विधानसभा सत्र में तीन कृषि संशोधन बिलों को सर्वसम्मति से पास किया गया था तथा उसके बाद इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया गया था।

उसके बाद अभी तक राज्यपाल की ओर से इन बिलों को न तो अपनी मंजूरी प्रदान की गई है और न ही उन्हें अभी तक रिजैक्ट किया गया है। अगर राज्यपाल इन बिलों को मंजूरी देते भी हैं तो उसके बाद इन्हें अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाना है। अगर राज्यपाल इन पर अपनी सहमति नहीं देते हैं तो फिर उस स्थिति में मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा इस मामले को लेकर कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा की जाएगी। सरकारी हलकों में माना जा रहा है कि राज्यपाल द्वारा पंजाब विधानसभा में पास किए गए संशोधन बिलों को शायद ही अपनी मंजूरी दी जाए। केंद्र में भाजपा की सरकार है तथा राज्यपाल केंद्र के फैसले के खिलाफ नहीं जा सकते हैं।


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Tania pathak

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