पोल्ट्री फार्म मालिकों को पड़ी कोरोना वायरस की मार, कारोबार ठप्प

punjabkesari.in Tuesday, Mar 31, 2020 - 10:48 AM (IST)

जीरा (अकालियांवाला): कोरोना वायरस को लेकर जहां पंजाब के किसान अपनी गेहूं व अन्य फसलों को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं, वहीं पोल्ट्री फार्म के कारोबार से जुड़े पोल्ट्री मालिकों के चेहरे पर उदासी छाई हुई है। कर्फ्यू ने उनके कारोबार को पूरी तरह से ठप्प करके रख दिया है, क्योंकि पहले यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि मुर्गा खाने से कोरोना वायरस के लक्षण ज्याद पैदा होते हैं। उसके बाद अब कर्फ्यू लगने के कारण पोल्ट्री फार्मरों का धंधा बिल्कुल चौपट हो गया है।

पोल्ट्री उद्योग से जुड़े लोग बेहद मंदी से जूझ रहे हैं। कारोबारियों ने कहा कि अगर सरकारों ने पोल्ट्री उद्योग की तरफ ध्यान न दिया तो इस कारोबार से जुड़े लोग आर्थिक मंदी के कारण बर्बाद हो जाएंगे। पंजाब में 4 हजार के करीब पोल्ट्री फार्म हैं लेकिन कोरोना महामारी से गत कई दिनों से ऐसे फार्मों की बिक्री जीरो हो गई है। दूसरी तरफ ऐसे फार्मों के पास फीड की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसी नौबत के कारण पोल्ट्री फार्मर्स काे मुर्गों को नहरों के किनारे और वीरान स्थानों पर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

धर्मकोट तथा जीरा के गांवों में 30 के लगभग पोल्ट्री फार्म हैं जिनमें 2.50 लाख से अधिक मुर्गियां हैं। यदि अंडों की औसत रोजाना देखी जाए तो इनको लाखों रुपए की मार झेलनी पड़ रही है। गुरजीत पोल्ट्री फार्म खम्भे, नीरज पोल्ट्री फार्म किल्ली गांधरा, बलदेव पोल्ट्री फार्म मौजेवाला, गुरचरन पोल्ट्री फार्म फतेहगढ़ पंजतूर, कुलदीप पोल्ट्री फार्म गोलूवाला, गुरमीत पोल्ट्री फार्म गोलूवाला, भुल्लर पोल्ट्री फार्म गहलीवाला, मंदर पोल्ट्री फार्म से मिले ब्यौरों मुताबिक उनको रोजाना न तो कोई फीड की सप्लाई हो रही है तथा न ही उनके अंडे बिकने के लिए बाजारों में जा रहे हैं जिस कारण उनका धंधा कोरोना वायरस की भेंट चढ़ना तय है।


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