केंद्र का दावा : कोरोना को लेकर पंजाब में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं

punjabkesari.in Monday, Apr 12, 2021 - 10:10 AM (IST)

चंडीगढ़(शर्मा): कोरोना को लेकर राज्य में फैली महामारी और लोगों की चिंताओं के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पंजाब सरकार के प्रधान सचिव स्वास्थ्य हुसन लाल को पत्र भेजा है। पत्र में पंजाब सरकार की कोरोना से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की पोल खोल कर रख दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव राजेश भूषण की ओर से पंजाब सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को लिखे गए डी.ओ. पत्र में उन खामियों का जिक्र किया गया है जिनकी वजह से कोरोना की रोकथाम में अड़चन आ रही है। 

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पत्र के अनुसार केंद्रीय दलों ने राज्य का दौरा करने के बाद पाया कि पटियाला और लुधियाना जिलों में कांटैक्ट ट्रेसिंग के मामलों को मजबूत करने की जरूरत है। यही नहीं एस.ए.एस. नगर मोहाली में स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी के चलते सेवाएं बाधित हो रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पटियाला में टैस्टिंग की कम दर दर्ज की गई है जबकि रूपनगर जिले में आर.टी.-पी.सी.आर. जांच की सुविधा ही नहीं है। मोहाली और रूपनगर में कोविड इलाज के लिए कोई समॢपत अस्पताल ही नहीं है और मरीजों को चंडीगढ़ या अन्य अस्पतालों में रैफर किया जाता है।

मोहाली, जालंधर और लुधियाना में हॉस्पिटल ऑक्युपैंसी बैड दरें सामान्यत: अधिक हैं जिसके लिए स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरण को समुचित पग उठाने की जरूरत है। रिपोर्ट में एस.बी.एस. नगर और रूपनगर में वैंटीलेटरों की जरूरत व इनके ऑप्टीमम प्रयोग पर भी सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वैंटीलेटर के प्रयोग के लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी है। इसी तरह स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी एस.ए.एस. नगर मोहाली, पटियाला और रूपनगर में भी देखी गई।पटियाला और लुधियाना में 45 वर्ष से अधिक आयु के उन नागरिकों को जो अन्य बीमारियों से भी ग्रसित हैं और 60 साल से अधिक उम्र के अन्य नागरिकों में भी टीकाकरण की शिथिलता नोट की गई।


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Vatika

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