करोड़ों रुपए की निजी वसूली कर चुके हैं निगम के अफसर

punjabkesari.in Friday, Sep 08, 2023 - 02:51 PM (IST)

जालंधर : नगर निगम जालंधर में लगातार 10 साल अकाली-भाजपा का शासन रहा और उसके बाद 5 साल कांग्रेस ने राज किया। नगर निगम में 15 साल का यह कार्यकाल न केवल भ्रष्टाचार से भरपूर रहा बल्कि इस समय दौरान उस वक्त के कई अफसरों ने खुली लूट मचाई। तब जालंधर नगर निगम का सबसे मलाईदार महकमा बिल्डिंग विभाग को गिना जाता था जिसके कई अफसर तो एक एक अवैध बिल्डिंग से लाखों रुपए की वसूली कर लेते थे। यह पैसा सेवादार से लेकर ऊपरी अफसरों तक रुतबे के हिसाब से बंटता था, जिस कारण अवैध बिल्डिंगों पर कभी कभार ही कार्रवाई होती थी।

खास बात यह है कि नगर निगम, विशेषकर बिल्डिंग विभाग में भ्रष्टाचार का सिलसिला आज भी जारी है और शहर में इन दिनों भी अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आई हुई है। जो लोग नक्शा पास करवाकर मकान दुकान इत्यादि बनवाना चाहते हैं उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है परंतु जेब गर्म करके अवैध बिल्डिंग को कुछ ही दिनों में तैयार किया जा सकता है।

ट्रस्ट की तरह निगम रिकॉर्ड से भी गुम हैं अवैध निर्माणों संबंधी सैकड़ों फाइलें

कुछ माह पहले लोकल बॉडीज विभाग ने पंजाब के नगर निगमों में थोक स्तर पर तबादले किए थे जिसके तहत जालंधर निगम के बिल्डिंग विभाग के करीबन सारे अधिकारियों और कर्मचारियों को बदलकर दूसरे शहरों में भेज दिया गया था। आरोप लग रहे हैं कि अमृतसर तथा दूसरे शहरों में गए बिल्डिंग विभाग के कई अधिकारियों ने जालंधर निगम के रिकॉर्ड में से कई फाइलों को ही गुम कर दिया या उनमें से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज निकाल लिए ताकि अवैध निर्माणों से संबंधित कई घोटालों को दबाया जा सके ।

गौरतलब है कि जालंधर निगम का बिल्डिंग विभाग पिछले लंबे समय से भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ था । पिछले 4 सालों दौरान तो जालंधर निगम के बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों ने अवैध बिल्डिंगों और कॉलोनियों के नाम से करोड़ों रुपए की अवैध वसूली की। इस मामले में आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी कुछ नहीं किया जिस कारण पुराने अधिकारियों ने नए स्थानों पर जाकर भी पैसे लेने का सिलसिला बंद नहीं किया।

हजारों चालान पैंडिंग रखकर करोड़ों की निजी वसूली हुई

जालंधर नगर निगम के बिल्डिंग विभाग के पिछले 10-15 साल के कार्यकाल पर नजर दौड़ाई जाए तो दो दर्जन के करीब अधिकारी ही इस विभाग पर बार-बार तैनात रहे और इन्होंने ही सभी मलाईदार सीटों पर काम भी किया। पूर्व निगम कमिश्नर दविंदर सिंह ने बिल्डिंग विभाग द्वारा पिछले सालों दौरान किए गए चालानों का रिकॉर्ड तलब किया था। तब पता चला कि 2015 से लेकर 2021 तक 11 हजार से ज्यादा अवैध बिल्डिंगों के चालान काटे गए और इनमें से हजारों चालान अभी भी पेंडिंग पड़े हुए हैं जिनसे कोई सरकारी वसूली नहीं की गई । पिछले दो सालों के चालान भी अभी तक पैंडिंग हैं ।

चालान मैनेजमैंट सिस्टम को भी ऑनलाइन किया जाएगा

इसी बीच नगर निगम के नए कमिश्नर डॉ. ऋषि पाल सिंह ने बताया कि निगम के चालान मैनेजमैंट सिस्टम को दुरुस्त तथा ऑनलाइन किया जा रहा है ताकि दबे हुए या पेंडिंग चालानों का भी पता चल सके। गौरतलब है कि शहर के कई कॉलोनाइजरों के ऊपर निगम एफ.आई.आर की सिफारिश कर चुका है परंतु उनसे संबंधित फाइलें दबी हुई हैं। इसी प्रकार कई बिल्डगों को तोड़ने या सील करने के आदेश जारी हो चुके हैं परंतु कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। चालान काटकर सैटिंग करने का जो खेल कुछ निगम अधिकारी खेल रहे थे अब नए कमिश्नर ने उस सैटिंग को तोड़ने का काम शुरू किया है । देखना है कि वह इस मामले में कामयाब होते भी हैं या नहीं।

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News Editor

Urmila

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