गेहूं खरीद केन्द्रों में सहूलतों के नाम पर लुटाए जा रहे लाखों रुपए

punjabkesari.in Monday, Apr 17, 2023 - 12:35 PM (IST)

मूनक: बेशक सरकार की तरफ से गेहूं के शुरू हुए सीजन दौरान अनाज मंडियों और खरीद केन्द्रों में आढ़ती, किसानों और मजदूरों को अधिक से अधिक सहूलतें देने के दावे किए जा रहे हैं, परन्तु मार्केट कमेटी मूनक के अधिकारियों की ठेकेदार के साथ कथित मिलीभगत के चलते अलग-अलग गांवों के खरीद केन्द्रों में पीने वाले पानी, लाइटों और अन्य सहूलतों के नाम पर कथित भ्रष्टाचार बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है।

उक्त मामले पर जब अलग-अलग खरीद केन्द्रों का दौरा किया गया तो हैरानी हुई कि पीने के पानी, लाइटों और अन्य सहूलतों के पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए। खरीद केन्द्रों में घड़े तो पड़े थे परन्तु पानी नहीं। गिलास, जग होना तो दूर की बात है, पानी की टैंकियों को भी धूप में रखा गया है। इतनी तेज गर्मी पड़ने के बावजूद बर्फ और जनरेटरों का तो नामो-निशान ही नहीं, यहां तक कि अलग-अलग खरीद केन्द्रों में लगी पानी की मोटरों को डायरैक्ट रूप में चलाकर अप्रिय घटना को न्यौता दिया जा रहा है। खरीद केन्द्रों में लगे 8 टावरों पर सिर्फ 4 लाइटें लगाकर खानापूर्ति की जा रही है, कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि मार्केट कमेटी मूनक के अधिकारियों और कर्मचारियों के कथित भ्रष्टाचार के चलते अलग-अलग खरीद केन्द्रों में सफाई और अन्य सुविधा के नाम पर कथित भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेला जा रहा है।

यदि इसकी निष्पक्ष जांच की जाए तो बड़े खुलासे होने से इन्कार नहीं किया जा सकता, परन्तु अब देखना यह है कि प्रशासन या कोई जांच एजैंसी इसकी निष्पक्ष जांच करती है या फिर उक्त मामला खबरों की मुख्य समाचार बनकर दबकर रह जाएगा। दूसरी तरफ किसानों ने खरीद केन्द्रों में प्रबंधों पर दुख का प्रकटावा करते कहा कि सरकार और अधिकारियों की तरफ से खरीद केन्द्रों में सहूलतों के बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं, परन्तु खरीद केन्द्रों में पीने का पानी ही नहीं, अन्य सहूलतों का तो ईश्वर ही रक्षक है।

मामला ध्यान में आ गया, जल्द करेंगे समाधान

उक्त मामले पर जब मार्केट कमेटी के सचिव के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने मामले की जानकारी नहीं कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया परन्तु साथ ही कहा कि मामला ध्यान में आने पर अब उसकी जांच करेंगे और खरीद केन्द्रों में पीने के पानी और लाइटों के पुख्ता प्रबंध करवाएंगे। हैरानी की बात है कि गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से शुरू होने के बावजूद सब डिविजन स्तर के अधिकारियों को गांवों के खरीद केन्द्रों में पीने के पानी, लाइटों और अन्य सहूलतों की जानकारी ही नहीं है जो साबित करता है कि दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है जिसकी जांच करनी बनती है।

खरीद केंद्र 12 और ठेका लाखों में, जांच हो

मार्केट कमेटी मूनक के अधीन गांवों के खरीद केंद्र और मुख्य अनाज मंडी मूनक आते हैं परन्तु खरीद केंद्र मूनक, अलग-अलग गांवों के खरीद केन्द्रों में सफाई और अन्य सहूलतों के लिए ठेके की रकम के मामले पर अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। वहीं सूत्रों से पता चला कि उक्त ठेका लाखों रुपए में हुआ है, परन्तु अधिकारियों के कथित भ्रष्टाचार के चलते खरीद केन्द्रों में सहूलतें शून्य हैं जिसकी जांच होनी चाहिए। 

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Content Writer

Sunita sarangal

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