Exclusive: नया आधार कार्ड आवेदन व संशोधन बना जी का जंजाल

punjabkesari.in Monday, Apr 30, 2018 - 08:22 AM (IST)

जालंधर (अमित): नया आधार कार्ड बनवाना मौजूदा समय में जी का जंजाल बन चुका है, क्योंकि प्रशासन का इस तरफ कोई खास ध्यान नहीं है। शहर में पहले की भांति न  तो कैंप लगाए जा रहे हैं और न ही प्रशासन द्वारा खोले गए आधार कार्ड सैंटर काम कर रहे हैं।

सेवा केन्द्रों में आधार कार्ड बनाने का काम चल रहा है, मगर यहां भी मशीनें अक्सर खराब रहती हैं और आम जनता के पास अपना आधार कार्ड बनाने के लिए केवल चुनिंदा सैंटरों का ही सहारा शेष बचा है। कुछ समय पहले आधार कार्ड संशोधन की सुविधा हेतु पोस्ट आफिस में भी मशीनें लगाई गई थी और स्थाई आधार कार्ड सैंटर खोले गए थे। इसके साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा सरकारी व निजी बैंकों को अपनी-अपनी शाखाओं में स्थाई आधार कार्ड सैंटर खोलने की हिदायतें जारी की गई थी। मौजूदा समय  में स्थाई सैंटरों की गिनती 70 से भी कम हो चुकी है, जिसमें 38 पोस्ट आफिस, 25 बैंक और 6 सेवा केन्द्रों पर स्थाई आधार कार्ड काऊंटरों की सुविधा आम जनता के लिए उपलब्ध है। 

क्या है जिले में आधार कार्ड की मौजूदा जमीनी स्थिति?
प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों को मानें तो इस समय जालंधर जिले में लगभग शत-प्रतिशत आधार कार्ड बन चुके हैं और केवल उन लोगों के आधार कार्ड नहीं बने हैं जो यहां नए आ रहे हैं या फिर जिनके किसी कारण से रिजैक्ट हुए हैं। जिले में बने आधार कार्ड की गिनती लगभग 24 लाख 50 हजार 370 है। मौजूदा समय में बच्चों का आधार कार्ड काफी कम बने हैं हालांकि सरकार और प्रशासन स्तर पर स्कूलों में विशेष कैंप लगाकर बच्चों के आधार कार्ड बनाने का काम भी काफी देर से बंद पड़ा हुआ। बहुत बड़ी गिनती में बच्चों के आधार कार्ड नहीं बने हैं और अभिभावक हर रोज किसी न किसी स्थाई सैंटर के चक्कर काटकर आधार कार्ड बनवाने की कोशिश कर रहे हैं।

अधिकतर सेवा केन्द्रों की हालत दयनीय, गिनती के सैैंटरों में बन रहे आधार कार्ड
प्रशासन की तरफ से आम जनता को अपने नए आधार कार्ड बनवाने और पुराने कार्ड में किसी तरह का संशोधन करवाने के लिए सेवा केन्द्रों के माध्यम से लगभग 140 सैंटरों पर सुविधा प्रदान की गई थी, जिसके लिए लगभग 25-40 मशीनें भी निजी कंपनी को दी गई थी, ताकि अलग-अलग सेवा केन्द्रों पर आधार कार्ड का काम किया जा सके। मगर जमीनी हकीकत यह है कि अधिकतर सेवा केन्द्रों की हालत काफी दयनीय है और यहां पर आधार कार्ड बनाने वाली मशीनें या तो खराब पड़ी हैं या फिर किसी अन्य कारण से बंद रहती हैं। सूत्रों की मानें तो केवल 6-7 सैंटरों पर ही मशीनें काम कर रही हैं, जिसकी वजह से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

शहर के लगभग सारे 150 निजी सैंटरों में आधार कार्ड आवेदन का काम हुआ बंद
पिछले साल यू.आई.डी.ए.आई. द्वारा जारी गाईडलाइन्स के अनुसार जुर्माने के स्ट्रक्चर में बदलाव किया गया था। नए प्रावधानों के तहत सभी को 1 लाख रुपए की बैंक गारंटी और नए सिरे से अपने दस्तावेज जमा करवाने के लिए कहा गया था। नए प्रावधानों में निजी सैंटर पर गल्त काम किए जाने की पुष्टि होने पर 50 हजार रुपए प्रति केस की पैनल्टी लगाई गई, जबकि पहले यह राशि केवल 10 हजार रुपए थी, जिस वजह से शहर के लगभग सभी निजी आप्रेटर्स ने अपना काम बंद करने में ही भलाई समझी और मौजूदा समय में शहर के अंदर कोई भी निजी आप्रेटर आधार कार्ड का काम नहीं कर रहा है। 


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Anjna

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