नशों के बड़े मगरमच्छों पर बड़ा शिकंजा, इन अधिकारियों को जारी हुई Deadline

punjabkesari.in Wednesday, Mar 26, 2025 - 12:06 PM (IST)

जालंधर/चंडीगढ़ (धवन) : मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर शुरू किए गए ड्रग के खिलाफ चल रहे युद्ध ‘युद्ध नाशियां विरुद्ध’ के तहत अपनी रणनीति को व्यापक प्रवर्तन से बदलकर बड़ी मछलियों के खिलाफ सटीक हमलों की ओर ले जाते हुए, पुलिस महानिदेशक (डी.जी.पी.) गौरव यादव ने मंगलवार को सभी पुलिस आयुक्तों (सी.पी.) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एस.एस.पी.) को सात दिनों के भीतर अपने-अपने जिलों में मुख्य ड्रग सप्लायर्स/तस्करों की पहचान करने और उन्हें सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। सख्त पत्र के माध्यम से जारी निर्देश का उद्देश्य राज्य के मादक पदार्थों के व्यापार को बढ़ावा देने वाली आपूर्ति श्रृंखलाओं को व्यवस्थित रूप से समाप्त करना है।

विशेष रूप से, पंजाब सरकार द्वारा 1 मार्च, 2025 को शुरू किए गए नशा विरोधी अभियान ‘युद्ध नशियां विरुद्ध’ के परिणामस्वरूप राज्य भर में 2248 प्राथमिकी दर्ज करने के बाद 3957 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और नशा तस्करों के कब्जे से 137.7 किलोग्राम हेरोइन सहित बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित पदार्थ बरामद किए गए हैं।

डी.जी.पी. ने अपने पत्र में कहा कि नागरिकों और अन्य इनपुट से मिली प्रतिक्रिया से पता चलता है कि सड़क स्तर पर हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थों की उपलब्धता में काफी कमी आई है। हालांकि, नशा तस्करों-गांवों और शहरी मोहल्लों में नशा बेचने वाले लोगों और तस्करों को नशीले पदार्थ उपलब्ध कराने वाले आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करके नशीली दवाओं के कानून को सावधानीपूर्वक और पेशेवर तरीके से लागू करने की आवश्यकता है।

डी.जी.पी. गौरव यादव ने सभी सी.पी. और एस.एस.पी. को व्यक्तिगत रूप से मैपिंग अभ्यास की निगरानी करने का निर्देश दिया है, ताकि अपने-अपने क्षेत्रों में ड्रग्स पहुंचाने वाले आपूर्तिकर्ताओं का विवरण तैयार किया जा सके और पूछताछ रिपोर्ट, सार्वजनिक सुझाव, खुफिया इनपुट, सुरक्षित पंजाब हैल्पलाइन से डेटा और एन.डी.पी.एस. अधिनियम के तहत आपराधिक जांच में सामने आए बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के आधार पर उन्हें सूचीबद्ध किया जा सके। डी.जी.पी. ने सी.पी./एस.एस.पी. को आदेश दिया कि यह सूची साक्ष्य आधारित और व्यापक होनी चाहिए।

साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि ड्रग स्रोतों के बारे में अज्ञानता के अस्पष्ट दावों को गैर-पेशेवर माना जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रभावी मैपिंग के अभाव में, यह माना जाएगा कि आप (सी.पी./एस.एस.पी.) व्यक्तिगत रुचि नहीं ले रहे हैं। सी.पी./एस.एस.पी. को समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए, डी.जी.पी. गौरव यादव ने स्पष्ट किया कि किसी भी कीमत पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर, ड्रग तस्करी नेटवर्क को रोकने के लिए मुख्य ड्रग आपूर्तिकर्ताओं/तस्करों को गिरफ्तार करने के लिए लक्षित अभियान शुरू किए जाएंगे।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Urmila

Related News