डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर : 1337 किलोमीटर का ट्रैक का कार्य मुकम्मल, जल्द दौड़ेगी मालगाड़ियां
punjabkesari.in Saturday, Oct 07, 2023 - 04:04 PM (IST)

लुधियाना (गौतम): इर्स्टन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने एक नया मील पत्थर स्थापित करते हुए सोन नगर से साहनेवाल तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 1337 किलोमीटर का ट्रैक का कार्य मुकम्मल कर लिया है। इस ट्रैक पर इलेक्ट्रिकल वायर का काम पूरा होने के बाद इलेक्ट्रिकल पावर व लोको पावर के ट्रायल के अलावा अन्य सभी तरह के ट्रायल भी पूरे कर दिए गए है। सभी टेक्नीकल कार्यो के साथ सिंगनल के काम भी पूरे हो चुके है। इस महीने के अंत तक रेलवे के प्रिंसीपल कमिशनर सेफटी आफिसर की तरफ से इस ट्रैक की सुरक्षा जांच होने की संभावना है और जांच के बाद लुधियाना के साहनेवाल से बिहार ने सोननगर तक इलेक्ट्रिक इंजन से मालगाड़ी बिना किसी रूकावट के जाएगी, इससे आगे मल्टी ट्रैक के जरिए मालगाड़ी पश्चिम बंगाल के दानकुनी पहुंचेगी। जून 2023 के अंत का इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यह प्रोजेक्ट सितंबर के अंत में पूरा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार ट्रैक पर रहते छोटे काम पूरे किए जा रहे है और सुरक्षा जांच के बाद नवबंर के पहले सप्ताह इसे शुरू कर दिया जाएगा। गौर है कि इर्स्टन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 1875 किलोमीटर का है, जिसमें 538 किलोमीटर के ट्रैक का काम रेलवे विभाग की तरफ से पीपी मोड पर करवाया जा रहा है, जिसे इसी ट्रैक के साथ जोड़ा जाएगा। लुधियाना के साहनेवाल से निकलने वाला यह ट्रैक सहारनपुर के खुर्जा, भावपुर, प्रयागराज, डीडीयू , सोननगर से पश्चिम बंगाल में दानाकुनी तक जाएगा। अभी सोननगर से दानकुनी का जो हिस्सा रहता है, उसका काम रेलवे विभाग पीपी मोड पर काम करेगा और जो इस रास्ते पर पहले ही जो ट्रैक ही मौजूद है, रेल विभाग उसकी मल्टी ट्रैकिंग कर फ्रेट कोरिडोर के साथ जोड़ेगा। इस प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू हो चुका है। पहले कार्पोरेशन की तरफ से इस रूट पर सहारनपुर से अंबाला होते हुए साहनेवाल तक का 175 किलोमीटर ट्रैक बिछाने के बाद उस पर इलेक्ट्रिफिकेशन का काम भी पूरा किया गया था, पिल्खानी से खुर्जा तक 111 किलोमीटर और खुर्जा से लेकर खतौली मेरठ तक का 111 किलोमीटर का ट्रैक भी इलेक्ट्रिकल होने के बाद चालू कर दिया गया था। जब कि अन्य ट्रैक को पहले ही पूरा कर शुरू किया जा चुका है।
5 राज्यों में बिछा ट्रैक
ईस्टर्न कॉरिडोर के चलते पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल में ट्रैक बिछाया गया है। जिसमें लुधियाना से शंभू तक 80 किलोमीटर, शंभू से खतौली 187 किलोमीटर, खतौली से खुर्जा 134 किलोमीटर, खुर्जा से दादरी 46 किलोमीटर, खुर्जा से भापुर 351 किलोमीटर, भाहपुर से डीडीयू 402 किलोमीटर, डीडीयू से सोननगर 137 किलोमीटर है, जबकि सोन नगर से दंकुनी का 538 किलोमीटर का सैक्शन है। इसकी कुल लंबाई 1875 किलोमीटर है।
मालगाडियों को ट्रैक मिलेगा खाली
देश के विकास को देखते हुए फ्रेट कोरिडोर बनना बहुत जरूरी थी। देश के इस हिस्से में खनिज पदार्थो, स्टील, अनाज में गेहूं, चावल, सीमेंट, खादें, विशेष कर कोयला और अन्य कच्चा माल अधिक होने से इसकी सप्लाई दूसरे हिस्सों में आसानी की जा सकेगी और पंजाब, अंबाला, यूपी, झारखंड व पश्चिम बंगाल से अन्य सामान को भी दूसरे हिस्सों में आसानी से पहुंचाया जाएगा। हावड़ा व दिल्ली सेक्शन पर रेल ट्रैफिक अधिक होने के कारण अब मालगाडिया कोरिडर के ट्रैक पर शिफ्ट हो जाएगी और पैंसेजरों ट्रेनों को भी साफ ट्रैक मिलेगा और इनकी स्पीड बढने से समय की बचत होगी।
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