‘दिल्ली फतेह मार्च’ हुआ समाप्त, किसान नेताओं ने दिया बड़ा बयान
punjabkesari.in Sunday, Dec 12, 2021 - 04:11 PM (IST)

माछीवाड़ा साहिब (टक्कर): 1 वर्ष से अधिक समय तक संघर्ष करने के उपरांत काले कृषि कानून रद्द करवाने पर सिंघु बॉर्डर से आरंभ हुआ ‘दिल्ली फतेह मार्च’ श्री गुरु गोबिंद सिंह की ऐतिहासिक धरती माछीवाड़ा साहिब में समाप्त हुआ जहां इस मार्च का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चे के नेता बलबीर सिंह राजेवाल, हरिंदर सिंह लक्खोवाल, तेजिंदर सिंह तेजी, सुखविंदर सिंह भट्टियां, एडवोकेट जसप्रीत सिंह कलाल माजरा और संगत ने चरण कंवल साहिब में नतमस्तक होकर अरदास की। यह ‘दिल्ली फतेह मार्च’ देर रात करीब 10 बजे माछीवाड़ा साहिब पहुंचा और जगह-जगह फूलों की वर्षा, पटाखों और नौजवानों ने ढोल की थाप पर भंगड़े डाल कर इसका जोरदार स्वागत किया। माछीवाड़ा में दाखिल होते ही पहलवान शंमी कुमार ने किसान नेताओं का जीत की खुशी में मुंह मीठा करवाया और गनी खां नबी खां गेट में पूर्व प्रधान उजागर सिंह बेनीपाल, पूर्व चेयरमैन रुपिंदर सिंह बेनीपाल ने नेताओं को सिरोपे भेंट कर सम्मानित किया।
बस स्टैंड रोड में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान जसपाल सिंह, चरण कमल चौंक में भारी संख्या में एकत्रित हुई संगतों के इलावा किसान नेता जत्थेदार मनमोहन सिंह खेड़ा ने इस फतेह मार्च का जोरदार स्वागत किया। देर रात करीब 11 बजे यह फतेह मार्च ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री चरन कंवल साहिब पहुंचा जहां किसान नेता नतमस्तक हुए और जीत के लिए अकाल पुरख का शुक्रराना किया। गुरू घर पहुंचने पर गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर सरबदयाल सिंह और हैड ग्रंथी हरपाल सिंह ने किसान नेताओं को सिरोपे भेंट किए। इस मौके पर पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि गुरु साहिब के आशीर्वाद के कारण ही संघर्ष की जीत हुई है क्योंकि इतना लम्बा और शांतमयी संघर्ष गुरू साहिब की कृपा के बिना सफल नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा कि बेशक काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा पर जीत सत्य की हुई है।
किसान जत्थेबंदियों की मीटिंग के बाद ही राजनीति के बारे में फैसला होगा: राजेवाल
संयुक्त किसान मोर्चे के नेता बलबीर सिंह राजेवाल से जब आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव और राजनीति में शामिल होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सबसे पहले सभी किसान नेता 13 दिसंबर को हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक होंगे और उसके बाद मीटिंग होगी जिसमें इस संबंधी कोई भी फैसला लिया जाएगा। राजेवाल ने कहा कि वह फिलहाल राजनीति में आने के बारे कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहते।
बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 300 वर्ष पहले पंजाबियों ने दिल्ली फतेह की थी और आज फिर इतिहास दोहराने और पंजाबियों की बलियों ने इस संघर्ष को जीत कर फिर दिल्ली जीती है। उन्होंने कहा कि पंजाब इस आंदोलन का आधार था और सबसे अधिक शहादत भी इस आंदोलन में पंजाबियों की हुई। उन्होंने कहा कि बाद में फिर हरियाणा, यू.पी., राजस्थान और सभी देश के किसान इस आंदोलन के साथ जुड़ गए। इस मौके पर फतेह मार्च का स्वागत करने वालों में रणधीर सिंह सैनी, उपजिंदर सिंह औजला, एडवोकेट सतिन्दर मोहन कालरा, गुरवीर सिंह, बलजिंदर सिंह, मनराज सिंह भी मौजूद थे।
कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ न किया तो मोर्चा चंडीगड़ लगाएंगे: लक्खोवाल
भारती किसान यूनियन (लक्खोवाल) के नेता हरिंदर सिंह लक्खोवाल ने पत्रकारों की तरफ से पूछे सवालों के जवाब देते कहा कि गुरू नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर कृषि कानून रद्द होना किसानों की बहुत बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में जीत के लिए पंजाब के हरेक वर्ग का बड़ा योगदान है जिन्होंने हमें सिंघु बॉर्डर पर संघर्ष में शामिल होकर हमारा हौसला बढ़ाया। लक्खोवाल ने पंजाब के समूह पत्रकार भाईचारे का धन्यवाद किया जिन्होंने किसानों की आवाज दुनिया तक पहुंचाई। लक्खोवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ शुरु किया यह संघर्ष तो जीत लिया गया है और अब 17 दिसंबर को कांग्रेस सरकार के साथ मीटिंग होगी और यदि वायदे के अनुसार किसानों का सारा कर्ज माफ न किया तो अगला मोर्चा चंड़ीगढ़ में सरकार के खिलाफ लगाएंगे। इसलिए वह सरकार से अपील करते हैं कि किसानों का सारा कर्ज माफ किया जाए।
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