खुलासाः खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट पश्चिम UP में दे रहा नेताओं की हत्याओं की ट्रेनिंग

punjabkesari.in Wednesday, Jul 01, 2020 - 10:06 AM (IST)

लखनऊ/जालंधर: दिल्ली पुलिस द्वारा बीते दिनों खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट के गिरफ्तार 2 आतंकियों से एंटी टैरारिस्ट स्क्वायड (ए.टी.एस.) की तरफ से की गई पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उन्होंने पश्चिम उत्तर प्रदेश में आतंकी ट्रेनिंग कैंप बनाया है, जिसमें नेताओं की हत्याओं के लिए  युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। गिरफ्तार किए गए तीन आतंकियों में से एक की पहचान पंजाब के रहने वाले गुरतेज सिंह(41) के रूप में हुई है, जबकि एक आतंकी हरियाणा से संबंधित है जिसका नाम लवप्रीत बताया जा रहा है। एक अन्य आतंकी की पहचान महिंद्रपाल सिंह के रूप में हुई है।ए.टी.एस. द्वारा की गई पूछताछ में गुरतेज सिंह और लवप्रीत ने स्वीकार किया कि उनका संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. के हैंडलर अब्दुल्ला और यू.के. में रहते प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के को-आर्डीनेटर अवतार सिंह पन्नू के साथ है। 


गुरतेज सिंह को था आतंकी तैयार करने का जिम्मा
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया है कि गुरतेज सिंह को देश में रहते हुए आतंकी तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तथा उसने नेताओं की हत्या सहित आतंकी गतिविधियों के लिए लवप्रीत सिंह व पांच लोगों को राजी किया था। पुलिस इन लोगों के बाकियों साथियों के बारे में पूछताछ कर रही है।वहीं उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ध्रुव कांत ठाकुर ने माना कि राज्य के कुछ नेता आतंकियों की हिट लिस्ट में थे। इससे आगे उन्होंने कोई डिटेल नहीं दी।


गोपाल चावला का करीबी और हवारा समिति का सदस्य है गुरतेज
गिरफ्तार गुरतेज सिंह पाकिस्तान में रह रहे गोपाल चावला का बेहद करीबी बताया जा रहा है। गोपाल चावला के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ हाफिज सईद के साथ करीबी संबंध हैं। खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट के लीडर विदेशों में बैठ कर सोशल मीडिया के जरिए जस्टिस फॉर पंजाब या दूसरे प्रतिबंधित संगठनों को पंजाब में दोबारा खड़ा करने व पंजाब के युवाओं को उकसाने का काम कर रहे हैं। गुरतेज के पिता सेना में सूबेदार थे और उसका जन्म वर्ष 1979 में असम में हुआ था। उसका लंबे समय से खालिस्तान आंदोलन के प्रति झुकाव था। उसने जनवरी 2019 में चंडीगढ़ में नारायण सिंह चौरा से मुलाकात की और खालिस्तान आंदोलन में सक्रिय रूप से योगदान करने की इच्छा जताई। इसके बाद गुरतेज सिंह को 21 सदस्यीय हवारा समिति में शामिल किया गया था। वह लवप्रीत समेत 5 से अधिक युवाओं को खालिस्तान आंदोलन में शामिल कर उन्हें पाकिस्तान में प्रशिक्षण दिलाने की तैयारी में था। 


7 साल से खालिस्तान आंदोलन में महिंद्रपाल सिंह 
महिंद्रपाल सिंह का जन्म 1991 में जम्मू-कश्मीर के बारामूला के दीवान बाग में हुआ था। 2007 में वह पढ़ाई करने के लिए दिल्ली आया था। 201& में गुरबख्श सिंह खालसा गुरुद्वारा अंब साहिब में 44 दिनों की भूख हड़ताल पर चले गए थे, उसमें मङ्क्षहद्रपाल सिंह भी शामिल हुआ था। इसके बाद वह खालिस्तान आंदोलन से जुड़े संगठनों और उनके आकाओं से जुड़ गया था। इस तरह वह लगभग 7 साल से खालिस्तान आंदोलन से जुड़ा हुआ है। 

गुरतेज से मानसा में मिला था लवप्रीत सिंह  
लवप्रीत सिंह उर्फ लवली ने शुरू में एक कम्प्यूटर मुरम्मत की दुकान पर काम किया। वर्तमान में वह घरों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने का काम करता है। वह करीब 3 साल पहले खालिस्तान आंदोलन में शामिल लोगों से जुड़ गया था। 2017 में वह अमृतसर में बलजीत सिंह और बागीचा सिंह के संपर्क में आया। ये दोनों 21 सदस्यीय हवारा समिति का हिस्सा हैं। उन्होंने इसे खालिस्तान समर्थक रैलियों में बुलाया, जहां पंजाब के मानसा में उसकी मुलाकात गुरतेज सिंह से हुई। गुरतेज सिंह ने उसे जगतार सिंह हवारा के मार्गदर्शन में खालिस्तान आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और उसे हथियारों के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान भेजने का वादा किया।  


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