डी.जी.पी. को हटाने से कांग्रेस का दलित विरोधी चेहरा बेनकाब
punjabkesari.in Friday, Dec 17, 2021 - 03:59 PM (IST)

गोराया (मुनीश बावा): बहुजन समाज पार्टी पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने कहा कि कांग्रेस द्वारा नियुक्त कार्यकारिणी डी.जी.पी इकबालप्रीत सिंह सहोता को हटाने और दूसरा डी.जी.पी लगाने से कांग्रेस का दलित सिख विरोधी चेहरा बेनकाब हुआ है। जब से पंजाब के डी.जी.पी दलित सिख बने थे, तब से संवैधानिक पदों पर बैठे दलितों के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का लगातार विरोध उनकी जातिवादी मानसिकता को दिखावा है। नवजोत सिद्धू की तरफ से कांग्रेस की हाईपावर कमेटी की तरफ से जगदीश टाइटलर की नियुक्ति करने और उसकी तरफ से कुछ भी न बोलना सिख विरोधी मानसिकता का दिखावा है।
कांग्रेस की दलित सिख विरोधी नीति का दिखावा पहले पंजाब के गवर्नर चन्दु लाल की तरफ से पंजाबियों को अपराधी राष्ट्र बताना, पंजाबी बोलते इलाके आज तक भी वापस न दे, राजधानी का लटकता मामला, नदियों के पानी का वितरण, 1984 का ब्ल्यू स्टार अप्रेशन, ब्लैक थंडर आदि पंजाब में कांग्रेस की सिख विरोधी घटनाएं हैं। जबकि दलित डी.जी.पी. आजादी के 49 सालों बाद 1996 में बसपा की के तहत नियुक्त किया गया था और अब दूसरा डी.जी.पी. 2021 में 74 सालों बाद लगाया। बसपा ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर सवाल करते कहा है कि डी.जी.पी. को हटाना सिद्ध करता है कि मुख्यमंत्री आदेशों का गुलाम है और दलित समाज को गुमराह करने के लिए यह चेहरा कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बनाया है।
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