मरीजों के लिए सिरदर्द बना ESI, मेडिकल स्टोर बंद होने की कगार पर

punjabkesari.in Tuesday, Dec 20, 2022 - 12:49 PM (IST)

जालंधर (सुरिंद्र): प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों को ई.एस.आई. के माध्यम से फ्री में मिलने वाली दवाइयों की सुविधा अब फरवरी में जाकर मिलेगी, क्योंकि ई.एस.आई. अस्पताल में सभी तरह की दवाएं आऊट ऑफ स्टॉक हो गई हैं।

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अगर इस समय कोई दवाई अस्पताल के मेडिकल स्टोर में बची है तो वह खांसी की दवाई ही है जिसका स्टॉक भी स्टोर में एक दिन का ही बचा है, जबकि दवाएं खत्म होने के कारण स्टोर बंद कर दिए गए हैं। डाक्टर भी अब मात्र मरीजों का चैकअप कर रहे हैं और उन्हें दवाएं ही लिखकर दे रहे हैं। महंगी दवाएं मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। जिन मरीजों को हार्ट की समस्या है, उनके लिए सबसे ज्यादा परेशानी हैं, क्योंकि हार्ट की सारी दवाएं काफी महंगी होती हैं, जबकि ई.एस.आई. में सभी तरह की दवाएं मुफ्त में मिलती हैं। दवाएं खत्म होने से डाक्टर व मेडिकल स्टोर पर बैठे कर्मचारी भी परेशान हैं।

दवाएं खत्म होने की बात करते हैं तो लोग लड़ते हैं
मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि जब मरीजों को दवाएं खत्म होने की बात कहते हैं तो वे लड़ाई-झगड़ा करने लग जाते हैं। अगर दवाएं मेडिकल स्टोर में उपलब्ध हों तो सभी को दी जाती हैं। इस समय खांसी की दवा ही बची है जो मंगलवार को खत्म हो जाएगी। डाक्टरों ने कहा कि मेडिकल स्टोर में 9 महीने का स्टॉक आता है। दवाएं खत्म होने के बारे में चंडीगढ़ में लिखित रूप में दिया गया है। पता चला है कि फरवरी में पहले हफ्ते दवाइयां आ जाएंगी। तब तक मरीजों को बाहर से ही दवाइयां लेनी पड़ेंगी।

मरीज बोले-बाहर से खरीदी गई दवाइयों के पैसे डाक्टर दें

मरीजों का कहना है कि जो दवा फ्री में मिलनी चाहिए, वह बाहर से 200 रुपए से लेकर 500 रुपए तक मिलती है। जब पता है कि हर रोज 200 से अधिक मरीज दवाएं लेने के लिए आते हैं तो स्टॉक पहले ही क्यों पूरा नहीं रखा गया। करीब 3 महीने से सुनते आ रहे हैं कि दवाइयां खत्म हो रही हैं। अगर बाहर से ही दवाइयां खरीदनी हैं तो ई.एस.आई. के डाक्टर या फिर ई.एस.आई. अस्पताल उसके पैसे दें। डाक्टरों कह रहे हैं कि अब उनके पास न तो दिल की दवा है, न सिर दर्द की और न ही पेट दर्द की। हर एक दवा खत्म हो गई है।

सबसे ज्यादा असर फैक्टरी में काम करने वाले मजदूरों पर

ई.एस.आई. अस्पताल में दवाइयां खत्म होने का सबसे ज्यादा असर फैक्टरी में काम करने वाले मजूदरों पर पड़ रहा है जो दिहाड़ी तो मात्र 500 रुपए की कर रहे हैं। लेकिन दवाएं महंगी होने के कारण बाहर से ही खरीदनी पड़ रही हैं। फोकल प्वाइंट से दवाई लेने के लिए आए राम शरण ने बताया कि उन्हें दिल की बीमारी है। जो दवा बाहर से खरीदेंगे। काफी महंगी आएगी।

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News Editor

Urmila

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