पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति को लेकर गजेन्द्र शेखावत के साथ विशेष बातचीत
punjabkesari.in Friday, Feb 04, 2022 - 04:09 PM (IST)

जालंधर: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और पंजाब भाजपा के प्रभारी गजेन्द्र शेखावत ने स्पष्ट किया है कि भाजपा पंजाब में बिना मुख्यमंत्री का चेहरा प्रोजैक्ट चुनाव लड़ रही है और इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही भाजपा का चेहरा हैं और उनके द्वारा किए गए काम के आधार पर ही भाजपा पंजाब में लोगों के बीच जाएगी। गजेन्द्र शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के दौरान केन्द्र की योजनाओं के तहत पंजाब में काफी विकास हुआ है और आधारभूत ढांचे की तरक्की में केन्द्र का भी योगदान रहा है। पंजाब में यदि भाजपा की सरकार बनती है तो केन्द्र की योजनाओं को बड़ी पेमाने पर पंजाब में लागू किया जाएगा और पंजाब में नशा मुक्ति के अलावा माफिया राज का खात्मा किया जाएगा।
पंजाब केसरी के संवाददाता जतिन शर्मा के साथ विशेष बातचीत के दौरान शेखावत ने पंजाब के मौजूदा राजनीतिक हालात के साथ-साथ चुनाव परिणामों के बाद बनने वाली पंजाब की राजनीतिक स्थिति में भाजपा की भूमिका के अलावा चुनाव के दौरान भाजपा की रणनिति के साथ-साथ चुनाव के मुद्दों और विपक्ष के मुख्यमंत्री पद के नेताओं और विपक्ष की चुनावी तैयारी के संबंध में भी बात की। पेश है गेजेन्द्र शेखावत का पूरा इंटरव्यू :
प्र: पंजाब में भाजपा कितनी सीटों की उम्मीद कर रही है?
उ: यह समय सीटों की संख्या को लेकर भविष्यवाणी करने का नहीं है, पंजाब में हर सीट पर औसतन 2 लाख वोटर हैं और हर सीट पर मल्टी कॉर्नर कंटैस्ट हो रहा है। भाजपा के अलावा कांग्रेस, अकाली दल, आम आदमी पार्टी और किसानों के उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, ऐसी स्थिति में यदि कोई सीटों की संख्या को लेकर आंकलन करता है तो वे आंकलन झूठा ही निकलेगा।
पिछली बार पंजाब में तिकौणा मुकाबला था और सारे सर्वे आम आदमी पार्टी की सरकार बना रहे थे, कुछ सर्वेस में तो आम आदमी पार्टी को 100 से ज्यादा सीटें दी गई थीं और अरविंद केजरीवाल ने अपने पंजाब में रैड कार्पेट भीतैयार करवा लिया था लेकिन जब चुनाव के नतीजे आए तो आम आदमी पार्टी 20 सीटों पर सीमट गई, अब भी परिस्थितयां वैसी ही हैं और पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे आप्रत्याशित होंगे और यह चुनाव पंजाब के लिए गेमचेंज़र साबित होने वाला है, 2022 का चुनाव पंजाब के सियासी इतिहास के पन्नों में इसलिए भी लिखा जाएगा क्योंकि इससे पंजाब की सियासत का नेरैटिव बदलेगा।
प्र: भाजपा पंजाब में किंग बनने के लिए लड़ रही है या किंगमेकर बनने के लिए?
उ: कोई भी सियासी दल, कोई भी चुनाव किंग बनने के लिए ही लड़ता है, अकाली दल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी यह चुनाव किंग बनने के लिए ही लड़ रहे हैं और निश्चित तौर पर भाजपा का लक्ष्य भी चुनाव में किंग बनने का ही है।
प्र: भाजपा के लिए बड़ी चुनौती, कांग्रेस है या आम आदमी पार्टी या अकाली दल?
उ: यह चुनाव उम्मीदवार के स्तर पर लड़े जाने वाला चुनाव है, यह पर्टियों के बीच का चुनाव भी नहीं है, क्योंकि पांच कोणीय के मुकाबले में किसी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला नहीं हो सकता। हर जगह पर अलग-अलग लड़ाई है लेकिन मैं एक बात दावे के साथ कह सकता हूं कि 70 से ज्यादा सीटों पर भाजपा एक कॉमन फैक्टर रहेगी।
प्र: पंजाब में भाजपा का मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा?
उ: भाजपा पंजाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है, भाजपा जहां पर भी लम्बे समय के बाद अकेली चुनाव मैदान में उतरती है वहां मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा करने की परम्परा नहीं रही है, जब हम शिव सेना के साथ अलग होकर चुनाव लड़े थे तो किस ने सोचा था कि दवेन्द्र फ्रडनवीज़ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे, इसी तरह भाजपा उत्तर प्रदेश में जब 25 साल बाद अकेले मैदान में उतरी तो किस ने सोचा था कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे।
प्र: भाजपा चुनाव के बीच अभी भी किसान भाजपा से नाराज़ है? उन्हें कैसे समझाएंगे?
उ: यह सही बात है कि कुछ महीने पहले किसान भाजपा से नाराज़ थे, मैं उस नाराजगी के कारणों तक नहीं जाना चाहता लेकिन गुरुपर्व के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों से मार्मिक अपील की और कहा कि सरकार द्वारा लाए गए 3 कृषि कानून पवित्र थे लेकिन हम किसानों को इनकी कानूनों के बारे में समझा नहीं पाए जिसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी, मुझे लगता है कि यह बात उसी दिन समाप्त हो गई थी जिन गांवों में भाजपा के वर्कर घुस नहीं पा रहे थे उन गांवों में भाजपा के वर्करों का खुले दिल से सवाल किया जा रहा है, मुझे लगता है तस्वीर बदल चुकी है।
पंजाब में तीन रैलियां कर सकते हैं मोदी
शेखावत ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे को लेकर इस तरह की सियासत हुई और उनकी सुरक्षा को ताक पर रख कर राजनीतिक वर्करों ने उनका रास्ता रोका और उनका कार्यक्रम बीच में रद्द करना पड़ा। वे पंजाब के लिए कई तरह के ऐलान करने वाले थे और कई योजनाओं का लोकार्पण करने वाले थे लेकिन उन योजनाओं का शिलान्यास नहीं हो सका क्योंकि इसके बाद चुनाव आचार संहिता लागू हो गई लेकिन अब भाजपा चुनाव आयोग की 7 फरवरी की कोरोना रेव्यू मीटिंग का इंतजार कर रही है। आयोग इस दिन चुनाव वाले राज्यों में रैलियां करने की यदि छूट देता है तो प्रधानमंत्री की पंजाब में एक नहीं बल्कि दो या तीन रैलियां भी हो सकती हैं। क्योंकि अब पंजाब में रैली करने पर गतिरोध नहीं पैदा होगा।
भाजपा के भाजपा विजन डॉकमैंट में राष्ट्रीय सुरक्षा सहित 11 मुद्दे
शेखावत ने कहा कि यह भाजपा के विजन डॉकमैंट में मौटे तौर पर कुछ प्वाइंट्स रखे गए हैं जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और आपसी सदभाव सबसे ऊपर है क्योंकि राज्य में शांति कायम रहने पर ही पंजाब का विकास हो सकता है। इसके अलावा पंजाब में कृषि आधारित उद्योग शुरू करना भाजपा के मैनिफैस्टो का हिस्सा होगा क्योंकि रोजगार न होने के कारण पंजाब का युवा विदेशों का रुख कर रहा है। पंजाब में केन्द्र की योजनाओं को लागू करके आधारभूत ढांचे को मजबूत किया जाएगा । कुल मिलाकर भाजपा की विजन डॉकमैंट में 11 बिंदू रखे गए और इसे 2 दिन में जारी कर दिया जाएगा।
विपक्षी दलों द्वारा घोषित किए गए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों को आप कैसे देखते हैं?
पंजाब में इन्हीं पार्टियों ने लम्बे समय तक राज किया है और इसका नतीजा पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति और आर्थिक दिवालिएपन के रूप में सबके सामने हैं। एक मुख्यमंत्री के पारिवारिक सदस्य पर छापा पड़ता है और उसमें करोड़ों रुपए करंसी बरामद होती है जिससे सत्ता पक्ष के लोगों की माइनिंग माफिया के साथ मिलिभगत जाहिर होती है, अकाली दल पर नशे के बड़े आरोप लगते रहे हैं क्या उनकी लीडरशिप में पंजाब नशे से मुक्त हो सकता है। इसी तरह आम आदमी पार्टी ने जिसे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है, उनके शासनकाल में क्या हम पंजाब में नशामुक्ति की उम्मीद कर सकते हैं?
इंटरव्यू की बड़ी बातें
1. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के पास यदि राजनीतिक बुद्धि होती तो वे प्रधानमंत्री की रैली में 700 से कम लोगों की हाजरी का बयान नहीं देते क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री की रैली में 700 से भी कम लोगों की हाजिरी राजनीतिक रूप से ज्यादा सूट करती थी लेकिन उन्होंने अपने कृत्यों पर पर्दा डालने के लिए प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ करवाया।
2. कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस के कई उम्मीदवार भाजपा के चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे है इसके साथ ही कुछ सीटें एसी भी है जहां भाजपा के उम्मीदवारों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की लोक कांग्रेस का चुनाव चिन्ह लिया है यह दोने पार्टियों की आपसी सहमति के साथ हो रहा है और इसमें अन्य बातें प्रसंगिक नही रह जाती।
3. पार्टी का टिकट न मिलने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं में किसी प्रकार की नाराज़गी नहीं है एसी स्थितियां हर घर में बनती है परिवार में मत्तभेद हो सकता है लेकिन मनभेद नहीं है। भाजपा के सारे कार्यकर्ता एक विचार के साथ एक लक्ष्य को लेकर काम करते है और ऐसा पार्टी की स्थापना के बाद से लगातार सफलता पूर्वक हो रहा है। देश में कांग्रेस के अलावा वामपंथी दलों, अकाली दल और “आप” का विभाजन हुआ है लेकिन भाजपा में यह स्थिति नहीं आई क्योंकि यह एक परिवार की तरह काम करती है।
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