लापरवाही की हद, डेंगू को लेकर प्रशासन कर रहा खानापूर्ति
punjabkesari.in Sunday, Nov 06, 2022 - 02:32 PM (IST)

जालंधर (खुराना): कभी समय था जब जालंधर में बरसाती सीजन के दौरान या तुरंत बाद हर वार्ड में फॉगिंग हुआ करती थी और बड़ी-बड़ी गाड़ियां अपने पीछे डीजल का ड्रम रखकर और बड़ी-बड़ी मशीनों से मेन सड़कों, गलियों, चौराहों पर धुआं फैंकते जाती थीं। धीरे-धीरे यह सिलसिला खत्म होता नजर आ रहा है। अब नगर निगम ने हाथ से चलने वाली छोटी-छोटी मशीनों की खरीद कर रखी है जिन्हें दोपहिया वाहन के सहारे गलियों में ले जाकर फॉगिंग की खानापूर्ति की जा रही है। नगर निगम की इसी नालायकी के कारण इस बार शहर में डेंगू पूरी तरह फैल चुका है और निगम सीमा के अंदर ही डेंगू के पॉजिटिव मरीजों की संख्या 150 के करीब आंकी जा रही है।
लापरवाही की हद यह है कि जालंधर में 4 विधायकों के अलावा तीन मेयरों समेत 80 पार्षद हैं परंतु किसी ने भी इस बार फॉगिंग को गंभीरता से नहीं लिया। शहर में डेंगू फैलने के बावजूद आज तक किसी पार्टी के किसी नेता ने भी डेंगू या फॉगिंग को लेकर कोई बैठक नहीं की और न ही कोई निर्देश दिए। हाथ से चलने वाली मशीनें जिनके सहारे नगर निगम शहर में फागिंग करवा रहा है ।
फॉगिंग करने वाली सातों मशीनें वर्कशॉप में खड़ी-खड़ी कबाड़ बनीं
पिछले समय दौरान जालंधर निगम ने लाखों रुपए खर्च करके फॉगिंग करने हेतु सात बड़ी गाड़ियों की खरीद की थी जिनमें से 5 गाड़ियां 60 लीटर कैपेसिटी वाली थीं और दो बड़ी गाड़ियों की क्षमता 200 लीटर तक थी। यह सातों गाड़ियां जब शहर में निकलती थीं तो मेन सड़कों के अलावा हर खुली जगह पर धुआं ही धुआं हो जाता था और फॉगिंग का असर देर तक दिखता भी था परंतु छोटी मशीनों से केवल गलियों में ही फॉगिंग हो सकती है, मेन सड़कों या खुले स्थानों पर इसका कोई असर नहीं रहता। निगम की सातों बड़ी गाड़ियां इस समय खराब पड़ी हैं और निगम की वर्कशॉप में कबाड़ बन चुकी हैं जिन्हें अब स्क्रैप के भाव पर ही बेचा जा सकेगा। लापरवाही की हद यह है कि किसी भी निगम अधिकारी ने इन गाड़ियों को समय रहते रिपेयर करवाने की जरूरत ही नहीं समझी।
हैल्थ विभाग और निगम अधिकारियों से की बैठक
नगर निगम के नए कमिश्नर अभिजीत कपलिश ने शहर में फैल रहे डेंगू प्रति गंभीरता दिखाते हुए आज हेल्थ विभाग और नगर निगम के अधिकारियों की बैठक ली और फॉगिंग बारे कड़े दिशा निर्देश जारी किए। कमिश्नर इस बात से हैरान थे कि डेंगू के सर्वे हेतु स्वास्थ्य विभाग की मात्र 8 टीमें ही काम कर रही हैं जो इतने बड़े शहर के लिए नाममात्र हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि अगले 15-20 दिनों में निगम तथा स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम करें ताकि डेंगू फैलने से रोका जा सके। इसके लिए सभी 80 वार्डों में 80 टीमों का गठन किया जाए और यह टीमें सोमवार से ही काम शुरू कर दें। पूरे शहर का सर्वे अगले शनिवार तक पूरा किया जाए। उन्होंने हर सैनेटरी इंस्पैक्टर को निर्देश दिए कि वह अपने अपने क्षेत्र में कम से कम 40 घरों का सर्वे जरूर करें और उन पर मार्किंग तक करें ताकि चैकिंग भी की जा सके।
कमिश्नर के निर्देशों पर सोमवार को एक ज्वाइंट बैठक होगी जिसमें सिविल सर्जन और निगम कमिश्नर के अलावा दोनों विभागों के उच्च अधिकारी डेंगू की रोकथाम का जायजा लेंगे और सरकारी तथा प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू से लड़ने की तैयारी बारे प्रबंधों की समीक्षा करेंगे। यह फैसला भी लिया गया कि लोगों और बच्चों को डेंगू प्रति जागरूक करने के लिए प्रतियोगिताएं करवाई जाए और स्कूलों में विजेता बच्चों को पुरस्कृत भी किया जाए । व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सभी 80 टीमों के कामकाज की रोजज समीक्षा हुआ करेगी।
निगम अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर अभी तक 16 चालान किए गए हैं । कमिश्नर ने निर्देश दिए कि निगम सीमा में जितने भी डेंगू के हॉटस्पॉट हैं उनकी लगातार चैकिंग की जाए और डेंगू का लारवा पनपने के सभी साधनों को सख्ती से रोका जाए। अब देखना है कि निगम कमिश्नर द्वारा दिखाई गई सख्ती के बाद दोनों विभागों की कार्यप्रणाली में क्या सुधार आता है।
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