‘दिल्ली चलो'' प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पंजाब से निकले और किसान

punjabkesari.in Friday, Nov 27, 2020 - 09:53 PM (IST)

चंडीगढ़ः पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोले झेलने के बावजूद पंजाब से किसानों का कुछ और जत्था शुक्रवार को हरियाणा से लगी राज्य की सीमाओं को पार कर गया। केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन के लिए निकले ये किसान दिल्ली पहुंच चुके प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल होना चाहते हैं। हरियाणा पुलिस ने शुरुआत में किसानों को अंबाला जिले में शंभू सीमा पर राज्य में प्रवेश से रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने और अवरोधकों को हटा कर आगे निकलते गए। पुल पर रोके जाने पर कुछ युवाओं ने अवरोधकों को धकेलकर घग्गर नदी में गिरा दिया। 

बृहस्पतिवार को भी किसानों ने आगे जाने के लिए ऐसा ही किया था। शाम में हरियाणा पुलिस ने बैरिकेड हटा दिए और किसानों को ‘दिल्ली चलो' मार्च के तहत अपने ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर जाने की अनुमति दे दी। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) से जुड़े किसानों ने भी पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी और डबवाली सीमा पर लगे अवरोधकों को हटा दिया। इससे पहले संगठन के नेताओं ने कहा था कि वे खनौरी और डबवाली में ही प्रदर्शन करने बैठ जाएंगे। लेकिन, बाद में संगठन ने अपना रूख बदल लिया। भाकियू (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरिकलां ने दावा किया कि खनौरी से ही 50,000 से ज्यादा किसान दिल्ली की तरफ निकले हैं। 

संगठन के एक अन्य नेता ने डबवाली से भी किसानों के आगे बढ़ने के बारे में बताया। किसान मजदूर संघर्ष समिति (एसएमएससी) के बैनर तले किसानों ने भी शुक्रवार को अमृतसर से मार्च शुरू किया। पंजाब से राष्ट्रीय राजमार्ग के जरिए किसानों का नया जत्था निकला है वहीं हजारों किसान पहले ही राष्ट्रीय राजधानी पहुंच चुके हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और पवन खेड़ा ने सुबह में पानीपत में किसान नेताओं से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया। पंजाब के किसान केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी।


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Mohit

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