जेल से बरामद हुए मोबाइलों का डाटा खंगालेगी पुलिस, अहम खुलासे होने की संभावना

punjabkesari.in Monday, Mar 11, 2024 - 12:40 PM (IST)

लुधियाना(स्याल): ताजपुर रोड की सैंट्रल जेल में मोबाइलों के चलन व इसके पीछे छिपे मोबाइल भेजने वाले शरारती तत्वों पर जिला पुलिस नकेल कसने की बड़ी कवायद में जुट गई है। पता चला है कि जेल से बरामद मोबाइलों में से लगभग 100 मोबाइल फोनों का जिला पुलिस को डाटा प्राप्त हो गया है। जिसमें अब बंदियों को काल करने वालों व मैसिज करने वालों की सूचना भी पुलिस तक पहुंच जाएगी। जिसके बाद पुलिस को कहीं न कहीं यह भी पता चलेगा कि जेलों में मोबाइल पहुंचाने की घटनाओं को अंजाम देने वाले कौन-कौन से चेहरे हैं। ज्ञात रहे कि सैंट्रल जेल के बंदियों की बैरकों से ऐसे कई वीडियो पिछले समय में वायरल हो चुके हैं। जिसके बाद सैंट्रल जेल के प्रशासन व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे थे और चाहकर भी जेल का प्रशासन ऐसी गतिविधियों पर रोक नहीं लगा पाया था।जिसके बाद जेल प्रशासन को जिला पुलिस की मदद लेनी पड़ी। 

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फारेंसिक जांच हेतु जाएंगे मोबाइल, पुलिस कमिश्नर की गंभीरता में है मामला

बताया जा रहा है कि जेलों में जो मोबाइल कल्चर व्याप्त है, उस पर नकेल कसने के लिए पुलिस कमिश्नर व उनकी टीम गंभीरता से काम कर रही है। जिला पुलिस की ओर से जेल से बरामद मोबाइलों को फोरैंसिक जांच हेतु भेजा जाएगा। ऐसे मोबाइलों की गिनती 150 से भी ज्यादा है। इनकी रिपोर्टें मिलने के बाद जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी और उन सभी आरोपियों के बेनकाब होने की संभावना है जो सुरक्षा चक्र तोड़कर जेल की बैरकों तक मोबाइलों को कैदियों/हवालातियों तक पहुंचाने के लिए सक्रियता से काम कर रहे हैं।

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अब तक रही है स्थिति ढाक के तीन पात वाली

हालांकि राज्य सरकार के जेल मंत्रालय व वरिष्ठ जेल अधिकारियों द्वारा भी समय-समय पर लुधियाना की सैंट्रल जेल के अहाते में मोबाइलों की पहुंच को सख्ती से रोकने के निर्देश जारी होते रहे हैं लेकिन स्थिति ढाक के तीन पात वाली बनी हुई है। जबकि अब जिला पुलिस ने जेल के अहाते को मोबाइल मुक्त करने का जो बीड़ा उठाया है, उसमें आधुनिक तकनीक फोरैंसिक जांच को भी शामिल किया जा रहा है। क्योंकि तकनीकी स्तर पर जेल प्रशासन से ज्यादा मोबाइल फैंकने वाले कामयाब रहे हैं। ये आरोपी जेल की दीवार अथवा अन्य कई गुप्त तरीकों से मोबाइलों कोो जेल की बैरकों तक पहुंचाते हैं। जिससे बनने वाली वीडियो व मोबाइल कालें जेल प्रशासन के लिए समय-समय पर किरकिरी बनकर उभरती रही हैं।

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Content Writer

Sunita sarangal

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