Punjab: सरकार ने Super-Specialists के लिए बनाई नई योजना, जानें इसके फायदे
punjabkesari.in Thursday, Aug 01, 2024 - 08:05 PM (IST)
पंजाब डेस्क: कम वेतन के कारण सुपर-विशेषज्ञों को आकर्षित करने में असमर्थ, पंजाब चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग ने प्रति माह 280,000 का विशेष प्रोत्साहन शुरू करने की योजना बनाई है। प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वित्त विभाग को भेजा गया है। इस विचार का उद्देश्य निजी क्षेत्र में मिलने वाले वेतन के साथ वेतन को प्रतिस्पर्धी बनाकर प्रतिधारण दर को बढ़ाना है। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार, एक निजी अस्पताल में एक सुपर-स्पेशलिस्ट का मासिक वेतन ढाई लाख से साढ़े तीन लाख तक है, लेकिन मुश्किल से इन्हें डेढ़ लाख ही सरकारी संस्थान में मिल पाता है।
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि वह 280,000 मासिक सुपर-स्पेशियलिटी प्रोत्साहन का भुगतान करने के विचार पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि वह सुपर-स्पेशियलिटी को आकर्षित करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं। इसके अलावा उनकी योजना सरकारी आवास उपलब्ध कराने की भी है। जिसके संबंध में एक प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है। उनका कहना है कि इतनी सब चीजों के बाद भी डिपार्टमेंट प्राइवेट सेक्टरों में दिए जाने वाली सैलरी के बराबर नहीं हो पाएगा, लेकिन काफी एक्सपर्ट को आकर्षित करने में लाभकारी होगा।
मेडिकल कॉलेज और रिसर्च डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 125 स्वीकृत पदों के मुकाबले केवल 20 सुपर स्पेशलिस्ट हैं। इसका मतलब है कि 84 फीसदी पद खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए लगातार सरकारों के प्रयासों के परिणाम असफल हो रहे हैं। यहां तक कि वॉक-इन-इंटरव्यू आयोजित करने के सरकार के प्रयासों ने भी सुपर-विशेषज्ञों का अधिक ध्यान आकर्षित नहीं किया है।
बता दें कि प्रोत्साहन के अलावा, सरकार वेतन क्लिनिक प्रणाली ला रही है। जिसमें विशेषज्ञों और सुपर-विशेषज्ञों को एक नियम के तहत सरकारी सुविधाओं में निजी प्रैक्टिस करने का विकल्प मिलेगा। जिसमें ओवरटाइम (दोपहर 2 बजे के बाद) के दौरान शुल्क लिया जाएगा। सरकार को न केवल सुपर-स्पेशलिस्ट बल्कि विशेषज्ञों को भी नियुक्त करने में कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है। 634 विशेषज्ञों की भर्ती के संबंध में अपने आखिरी विज्ञापन में, पंजाब सरकार को केवल 592 आवेदन प्राप्त हुए और आखिर में केवल 71 ही शामिल हुए। काफी लोग इस्तीफा भी दे चुके हैं।उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन और आवास सुविधाओं के बावजूद भी विभाग निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन की बराबरी नहीं कर पाएगा।