बिजली दरों के विवाद के चलते सरकार ने पॉवरकाम को दिखाया ‘प्रॉफिट’ में

punjabkesari.in Saturday, Feb 29, 2020 - 10:10 AM (IST)

चंडीगढ़/पटियाला: पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की तरफ से पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (पावरकॉम) की तरफ से वित्तीय वर्ष 2018-19 दौरान 80 करोड़ रुपए लाभ कमाने की गई घोषणा उपभोक्ताओं के लिए बड़े झटके के तौर पर आई है।

उपभोक्ता इस ऐलान बारे कह रहा है कि लोगों का कचूमर निकाल कर पावरकॉम मुनाफे में आ गया है। उपभोक्ता जगतार सिंह का कहना है कि ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि पिछले 3 सालों के दौरान बिजली दरों में 17 बार वृद्धि की गई और आम व्यक्ति बिजली बिल भरने से भी असमर्थ हो गया, परंतु पावरकॉम मुनाफे में आ गया। दिलचस्प बात यह है कि पावरकॉम का यह लाभ तब दिखाया गया है, जब पावरकॉम ने प्राइवेट बिजली कंपनियों से 1400 करोड़ रुपए का केस हारा और इस केस की राशि ब्याज समेत यानि 1590 करोड़ रुपए उपभोक्ताओं के पास से वसूलने के आदेश जारी करवा लिए। पावरकॉम का वित्तीय मामला पिछले कुछ महीनों के दौरान सुॢखयों में छाया हुआ है। विपक्षी अकाली दल और आम आदमी पार्टी की तरफ से लगातार सरकार पर निशाना बनाया जा रहा है कि सरकार गरीबों का भी गला दबा रही है और बड़े-बड़े बिल उपभोक्ताओं के मत्थे मढ़े जा रहे हैं। विधानसभा के मौजूदा सत्र दौरान यह बड़ा मुद्दा बना रहा है कि सरकार द्वारा पावरकॉम के प्राफिट में होने का ऐलान लोगों के लिए किस तरह लाभकारी है?

उधर वित्त मंत्री की तरफ से साल 2010-21 दौरान कृषि क्षेत्र के लिए 8275 करोड़ रुपए सबसिडी के लिए रखे जाने पर भी सवाल उठे हैं। पावरकॉम की अपनी रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्तीय साल दौरान फरवरी 2020 तक पावरकॉम ने पंजाब सरकार से सबसिडी के 5663.47 करोड़ रुपए लेने हैं। ऐसे में 8275 करोड़ में से बड़ी राशि तो पिछले बकाए देने में ही गुजर जाएगी। पावरकॉम नए साल के सबसिडी के पैसे कैसे प्राप्त करेगा, यह सवाल बन गया है। वित्त मंत्री ने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए सबसिडी के लिए 2267 करोड़ रुपए रखने की घोषणा की है, जबकि बिजली विशेषज्ञों का कहना है कि जो सरकार पिछली सबसिडी अदा नहीं कर पाई, वह नए उपभोक्ताओं की सबसिडी कैसे अदा करेगी, यह आश्चर्यजनक है।वित्त मंत्री ने यह भी दावा किया है कि पानी बचाओ, पैसा कमाओ स्कीम का विस्तार किया जाएगा। जो स्कीम पहले 6 फीडर पर चल रही थी, अब वह 244 फीडरों पर लागू की जाएगी। परन्तु सच्चाई यह है कि पावरकॉम का यह फैसला पहले ही किया जा चुका है और इसकी खबरें भी छप चुकी हैं। इसको वित्त मंत्री का नया ऐलान मानें या पावरकॉम का पुराना ऐलान, यह किसानों की समझ में नहीं आ रहा। 


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swetha

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