GST बोगस बिलिंग स्कैंडल मामला, विभाग को चूना लगाने वाली कई नामी फर्मों के सफेदपोश होंगे बेनकाब

punjabkesari.in Saturday, Apr 29, 2023 - 01:16 PM (IST)

जालंधर: जी.एस.टी. बोगस बिलिंग का स्कैंडल के तार आगे जुड़ते जा रहे हैं जिसके चलते आने वाले दिनों में कई सफेदपोश चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। यह स्कैंडल प्लास्टिक व लोहे की स्क्रैप के व्यापार से संबंधित है व इसकी खरीद-फरोख्त केवल कागजों में हो रही थी। बोगस बिलिंग स्कैंडल को लेकर गत माह स्टेट जी.एस.टी. विभाग द्वारा 48 करोड़ रुपए के घपले का पर्दाफाश किया गया था। वही लुधियाना में डायरैक्टोरेट जनरल ऑफ जी.एस.टी. इंटैलीजैंस (डी.जी.जी.आई.) ने 347 करोड़ रुपए की बोगस बिलिंग व फर्जी फर्मों पर 63 करोड़ के आई.टी.सी. (इनपुट टैक्स क्रैडिट) का लाभ लेने संबंधी फर्जी फर्मों को बेनकाब किया था।

इन दोनों मामलों का आपस में इंटर कनैक्शन जांचा जा रहा है, जिसमें कई फर्मों के लेन-देन का रिकार्ड खंगाला गया है व इस पर आगे जांच का काम चल रहा है। महानगर में हुए 48 करोड़ की बोगस बिलिंग मामले में तथाकथित आरोपियों द्वारा फर्जी फर्मों के माध्यम से बोगस बिलिंग करके आई.टी.सी. क्लेम लिया गया था। इसी तरह से लुधियाना में भी ठगी करने के लिए इसी रास्ते को इख्तियार किया गया। क्लेम लेने का ढंग दोनों फर्मों का एक जैसा रहा है, जिसके चलते जी.एस.टी. विभाग के अधिकारियों ने दोनों मामलों को आपस में इंटर कनैक्ट करके जांच को आगे बढ़ाया है। लुधियाना में डी.जी.जी.आई. ने 63 करोड़ की जी.एस.टी. चोरी मामले में 21 अप्रैल को मास्टर माइंड राहुल बस्सी को गिरफ्तार किया था जबकि एक अन्य आरोपी विशाल रॉय पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था।

राहुल बस्सी व विशाल रॉय ने मिलकर अन्य व्यक्तियों के नाम पर 30 से अधिक फर्जी फर्में खोली थीं जोकि जी.एस.टी. अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करके लाभ लेने से प्रेरित रही। इस मामले में धोखाधड़ी से 63 करोड़ के आई.टी.सी. का लाभ उठाया गया। इन 30 फर्जी फर्मों का कहीं न कहीं जालंधर के कई उद्योगपतियों के साथ इंटर कनैक्शन बताया जा रहा है। इसी के चलते उक्त दोनों आरोपियों के पकड़े जाने व इस बड़े स्कैंडल का पर्दाफाश होने से स्टेट जी.एस.टी. विभाग ने 347 करोड़ की बोगस बिलिंग को महानगर में हुई 48 करोड़ की बोगस बिलिंग के साथ जोड़ कर देखने का फैसला लिया।

महानगर में हुए घटनाक्रम के मुताबिक स्टेट जी.एस.टी. विभाग ने 30 जनवरी को 48 करोड़ की बोगस बिलिंग के बड़े स्कैंडल का पर्दाफाश करते हुए 4 आरोपियों को नामजद किया था। इनमें से 2 व्यक्ति पंकज कुमार उर्फ पंकज आनंद पुत्र प्रवेश आनंद निवासी कालिया कालोनी (मैसर्ज पी.के. ट्रेडिंग कम्पनी) व रविंद्र सिंह पुत्र हरपाल सिंह निवासी कोर्ट राम दास (गुरु हर राय ट्रेडिंग कम्पनी) जेल में बंद हैं। वहीं इस मामले में नामजद गुरविंद्र सिंह निवासी काला सिंघा रोड, ईश्वर नगर (मैसर्ज शिव शक्ति इंटरप्राइजिज) व अमृतपाल सिंह पुत्र कुलविंद्र सिंह निवासी ढिल्लों कालोनी, रामा मंडी (मैसर्ज नॉर्थ वोग) की जमानत हो चुकी है। विभाग ने जालंधर में हुए गबन मामले में पंकज व रविंद्र के अलावा गगन ट्रेडिंग कम्पनी, कृष ट्रेडिंग कम्पनी, बालाजी ट्रेडिंग कम्पनी, कृष इंटरप्राइजिज, पंकज स्क्रैप कम्पनी, पी.वी. इंटीरियर डैकोर, दशमेश ट्रेडिंग कम्पनी सहित 10 के करीब फर्में को नामजद किया है।

लुधियाना के व्यापारियों के साथ लेन-देन जांच का विषय

इस मामले में विभागीय जांच में कई तथ्य उजागर हुए हैं जिसके चलते कई नामी फर्मों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली गई है। लुधियाना में पकड़े गए स्कैंडल में सामने आई फर्मों द्वारा जिन व्यापारियों के साथ लेन-देन दिखाया गया है, उसे जांच का विषय बनाया जा रहा है। विभाग इस पूरे घटनाक्रम में लुधियाना व जालंधर की फर्मों का इंटर कनैक्शन जांच कर अपनी जांच को आगे बढ़ाएगा। आई.टी.सी. क्लेम करके जी.एस.टी. विभाग को चूना लगाने वाली कई फर्में इस जांच में फंसती हुई नजर आ रही हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जांच में कई तथ्य सामने आए हैं जिस पर आने वाले दिनों में कार्रवाई की जाएगी।

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News Editor

Urmila

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