फतेहगढ़ साहिब सीट का इतिहास
punjabkesari.in Thursday, Dec 15, 2016 - 02:24 PM (IST)

क्षेत्र फतेहगढ़ साहिब दिल्ली-अमृतसर नैशनल हाईवे पर दोनों तरफ बसा हुआ है। इस हलके की सबसे बड़ी महत्ता यहां दुनिया की लासानी शहादत देने वाले श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी जी का स्थान गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब है, जहां छोटे साहिबजादों को दीवार में चिनवाया गया था। एस.जी.पी.सी. की तरफ से यहां माता गुजरी कालेज, बाबा बंदा सिंह बहादुर इंजीनियरिंग कालेज और फिर श्री गुरु ग्रंथ साहिब वर्ल्ड यूनिवर्सिटी बनाई गई है। क्षेत्र फतेहगढ़ साहिब में एक शहर सरहिंद और 172 गांव पड़ते हैं। इस क्षेत्र में ज्यादा वोटर अकाली दल के हैं, पर धड़ेबंदी ज्यादा होने के कारण ज्यादातर कांग्रेसी उम्मीदवार ही विजेता रहे हैं।
जिला फतेहगढ़ साहिब को बने करीब 25 वर्ष हो चुके हैं मगर यहां अभी तक कोई पक्का बस स्टैंड नहीं बन सका है जिस कारण यहां के लोगों व ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को बसें लेने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र फतेहगढ़ साहिब की सीट शिरोमणि अकाली दल की वोट ज्यादा होने के बावजूद अकाली दल की आपसी धड़ेबंदी होने के कारण कांग्रेस की झोली में पड़ती आ रही है।
सीट का इतिहास
वर्ष | पार्टी | विजेता |
1985 | शिरोमणि अकाली दल | कृपाल सिंह लिबड़ा |
1992 | भाजपा | डा. हरबंस लाल |
1997 | कांग्रेस | डा. हरबंस लाल |
2002 | कांग्रेस | डा. हरबंस लाल |
2007 | शिरोमणि अकाली दल | दीदार सिंह भट्टी |
2012 | कांग्रेस | कुलजीत सिंह नागरा |