कुर्सी के लिए एक-दूसरे का विरोध करने वाले कांग्रेस कैसे करेंगे एकसाथ काम?

punjabkesari.in Tuesday, Sep 21, 2021 - 03:08 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा इस्तीफा देने के बाद नया मुख्यमंत्री बनाने के लिए जिस तरह एक के बाद एक करके नामों में बदलाव हुआ है। उसे लेकर तस्वीर लगभग साफ हो गई है। इसके बाद बड़ा सवाल यह है कि कुर्सी के लिए एक-दूसरे का विरोध करने वाले कांग्रेसी कैसे इकठ्ठे काम करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक सुनील जाखड़ को सी.एम. बनाने का प्रस्ताव आने पर सबसे ज्यादा विरोध सुखजिंदर रंधावा द्वारा किया गया था। उसके मद्देनजर अंबिका सोनी ने सिख चेहरे को सीएम बनाने की बात कही तो जाखड़ का नाम भी रेस से बाहर हो गया। इसके बाद रंधावा का नाम आया तो खुद नवजोत सिद्धू ने दावेदारी ठोक दी जिस विवाद को सुलझाने के लिए दलित सीएम बनाने का जो फैसला लिया गया है। उसकी घोषणा करने से पहले पंजाब के किसी बड़े नेता की सहमति नहीं ली गई। 

बताया जाता है कि चरणजीत चन्नी का नाम आगे करने में मनप्रीत बादल ने सबसे अहम भूमिका निभाई है जिसे न चाहते हुए भी दिग्गजों को स्वीकार करना पड़ा। इसी तरह डिप्टी सी एम बनाने की दोड़ में शामिल ब्रह्म महिंद्रा को बाहर करने के लिए सेहत ठीक न होने का हवाला दिया गया और भारत भूषण आशु का पता काटने के लिए जूनियर होने का मुद्दा उठाया गया।

हालांकि इन दोनों नेताओं को डिप्टी सी एम न बनाने के फैसले को कैप्टन खेमे के साथ नजदीकीयों से जोड़कर देखा जा रहा है। यहां तक कि कैप्टन के करीबी होने के बावजूद ओ पी सोनी की एन मौके पर एंट्री होने को लेकर कई तरह की चर्चा सुनने को मिल रही है। इस तरह सभी नेताओं को साफ हो गया है कि उनका रास्ता रोकने के लिए किसने क्या भूमिका निभाई। भले ही यह नेता आगामी कैबिनेट पुनर्गठन को लेकर अभी इकट्ठे नजर आ रहे हैं लेकिन अंदरखाते उन्हें सपना पूरा न होने का मलाल जरूर है जिसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है।

सिद्धू को नहीं मिला प्रियंका को फोन लगाने का फायदा
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के नाम का फैसला लेने के लिए हाईकमान के नेताओं द्वारा सभी विधायकों को फोन करके उनकी निजी सलाह ली गई थी। जिसमें सुनील जाखड़ को सबसे ज्यादा और सुखजिंदर रंधावा को दूसरे नंबर पर वोट मिले जबकि तीसरा नंबर परनीत कोर का था। जिसे लेकर फीडबैक पंजाब इंचार्ज हरीश रावत ने दिल्ली तक पहुंचाया तो नवजोत सिद्धू ने उन्हें कांग्रेस में लाने व पंजाब प्रधान बनाने में अहम भूमिका अदा करने वाली प्रियंका गांधी को फोन लगाया। लेकिन उस पर कोई कार्रवाई होती उससे पहले ही रावत ने राहुल गांधी से हरी झंडी मिलने पर चरणजीत चन्नी के नाम की घोषणा कर दी।

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Content Writer

Tania pathak

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