अवैध माइनिंग के मुद्दे पर हिमाचल व पंजाब सरकार आमने-सामने

punjabkesari.in Saturday, Feb 04, 2023 - 08:55 AM (IST)

पठानकोट (शारदा): पंजाब में अवैध माइनिंग का मुद्दा पिछले लंबे समय से तूल पकड़ा हुआ है क्योंकि माइनिंग के व्यवसाय में बहुत सारे राजनीतिज्ञों के आने से विपक्षी दल इस मुद्दे को जोर-शोर से उछालते हैं।

परिणाम स्वरूप पिछले विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा कांग्रेस पार्टी के लिए गले की फांस बन गया और अंतत: सरकार भी चली गई और आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आ गई क्योंकि पार्टी ने बहुत ज्यादा रैवेन्यू की बात कही थी और अवैध माइनिंग खत्म करने का वायदा किया था। पंजाब सरकार ने दूसरे प्रदेशों से आने वाले ट्रकों पर 3.50 रुपए पर क्यूबिक फीट टैक्स लगा दिया। जिन ट्रकों के पास एम. फार्म नहीं भी है, वे भी पंजाब में माल बेचने में सफल हुए। यह टैक्स लगाने के बाद पंजाब सरकार को प्रतिदिन 50 से 80 लाख रुपए इकट्ठे होने शुरू हो गए। अगर किसी ट्रक वाले को हिमाचल प्रदेश से पंजाब में क्रशर से तैयार की गई बजरी लानी है तो उसे एम. फार्म लाना होता है जिसको चैक करके ही ट्रक की एंट्री होती है।

यह एम. फार्म माइनिंग विभाग हिमाचल द्वारा जारी किया जाता है जिससे पता चलता है कि जिस क्रशर से माल आया है उसने कानूनी तौर पर ठीक रॉ मैटीरियल खरीदकर सामान तैयार किया है और उसने उस पर जी.एस.टी. आदि टैक्स भरा है, परंतु अब जो पंजाब में ट्रक धड़ाधड़ दाखिल हो रहे थे और जिनके पास एम. फार्म नहीं था, वे सरकार द्वारा लगाई फीस जमा करवाकर अपना मैटीरियल पंजाब में बेच रहे हैं। हिमाचल का ऊना और नूरपुर का क्षेत्र पंजाब के पठानकोट व होशियारपुर और आनंदपुर साहिब क्षेत्र के साथ लगता है जिससे यह मामला तूल पकड़ गया है। माइनिंग के कारण यह बात भी सर्वविदित है कि दोनों प्रदेशों में चक्की दरिया में दोनों ओर से जमकर माइनिंग होती रही है। परिणाम स्वरूप पुराना रेलवे का पुल बह गया है और रेलवे का लिंक पठानकोट और नूरपुर के बीच खत्म हो चुका है।


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Vatika

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