स्कूली बच्चों के लिए जरूरी खबर, पंजाब सरकार उठाने जा रही ये अहम कदम

punjabkesari.in Friday, Feb 10, 2023 - 09:25 AM (IST)

लुधियाना(विक्की): पंजाब सरकार नन्हें विद्यार्थियों के लिए अहम कदम उठाने जा रही है। दरअसल, पिछले लम्बे समय से नन्हे विद्यार्थी अतिरिक्त किताबों और सिलेबस का बोझ ढो रहे हैं। इस कारण उनका बचपन किताबों के बोझ तले दबा नजर आ रहा है लेकिन अब जल्द ही बच्चों को इससे राहत मिलने जा रही है।

सरकार का प्रयास अगर सफल रहा तो नए शैक्षणिक सत्र 2023-24 में पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों के स्कूल बैग में सिर्फ गणित और भाषा की किताबें होंगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के अनुसार 3 से 8 साल तक की उम्र के विद्यार्थियों का मूल्यांकन पारम्परिक परीक्षा के माध्यम से नहीं होगा।  साथ ही दूसरी कक्षा के छात्रों को अब मातृभाषा में पढऩे का मौका मिलेगा। सरकार के इस फैसले का अध्यापकों के साथ-साथ बच्चों के अभिभावकों ने भी स्वागत किया है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) के विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पहली और दूसरी कक्षा के लिए पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। शिक्षा मंत्रालय जल्द ही पाठ्यक्रम जारी करेगा। इसके तहत रट्टा लगाने की बजाय दूसरी तक के बच्चे का मूल्यांकन खेलकूद, वीडियो, म्यूजिक, कहानी बोलने-लिखने, व्यावहारिक ज्ञान आदि के आधार पर होगा।


अपनी भाषा को अच्छे से जानेंगे विद्यार्थी
3 से 8 साल की आयु में बच्चा सबसे अधिक सीखता है, इसलिए भाषा विषय में उसे मातृभाषा में पढ़ाई का मौका मिलेगा। राज्य एन.सी.ई.आर.टी. में तैयार पाठ्यक्रम की किताबों से पढ़ाई करवा सकते हैं या खुद किताब तैयार करवाएंगे। इससे विद्यार्थी बचपन में ही अपनी मातृभाषा को जान और सीख पाएंगे। अध्यापक गुरमीत सिंह सोढी ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है। पिछले लंबे समय से नन्हे विद्यार्थियों पर किताबों का बोझ कम करने की मांग उठती रही है। इस नई पहल से विद्यार्थी खेलकूद और गतिविधियों के माध्यम से सीखेंगे और उनकी पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी। यह नीति उनके सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vatika

Recommended News

Related News