Property कारोबारियों के ठिकानों पर आयकर विभाग की बड़ी Raid
punjabkesari.in Monday, Dec 05, 2022 - 10:04 AM (IST)

जीरकपुर(गुरप्रीत): जीरकपुर-अंबाला रोड स्थित रॉयल एस्टेट ग्रुप के ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट समेत 7 अन्य ठिकानों पर 1 दिसम्बर से चल रही आयकर विभाग की छापेमारी आखिरकार 4 दिसम्बर को खत्म हो गई। आयकर विभाग की इस छापेमारी में आई.टी.बी.पी. के करीब 20 सुरक्षाकर्मियों और 7 टीमों ने रॉयल एस्टेट ग्रुप के व्यावसायिक परिसरों के साथ-साथ कंपनी के 3 प्रबंधकों के घरों और कार्यालयों पर दिन-रात छापेमारी की। लेखपाल टीमों ने रॉयल एस्टेट ग्रुप के सभी ठिकानों पर आयकर और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं।
आयकर विभाग के अतिरिक्त निदेशक राजेश पाल के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। इस पूरे ऑप्रेशन में आयकर विभाग के अधिकारियों पर प्रबंधन द्वारा 4 दिन की छापेमारी के दौरान कंपनी के कर्मचारियों और परिवार के सदस्यों को मानसिक रूप से प्रताडि़त करने और धमकाने का आरोप लगाया गया था जिसे अपर निदेशक राजेश पाल ने नकारते हुए कहा कि यह सारा ऑप्रेशन गवाहों की मौजूदगी में किया गया है और कंपनी के सभी जगहों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे हैं।जीरकपुर थाने के एस.एच.ओ. इंस्पैक्टर दीपिंदर सिंह बराड़ के नेतृत्व में पुलिस बल की मौजूदगी में रविवार शाम को टीमें वापस लौट गईं।
मानसिक रूप से प्रताडि़त करने का आरोप: रॉयल एस्टेट ग्रुप के प्रबंध निदेशक नीरज कांसल और आशीष मित्तल ने पत्रकारों को कहा कि वे 30 साल से प्रॉपर्टी के कारोबार में हैं और सैंकड़ों लोगों को रोजगार देने के अलावा हजारों घरों का सपना पूरा किया है। यह एक ईमानदारी वाला बिजनैस है और आजकल सब कुछ ऑनलाइन है इसलिए किसी भी तरह की टैक्स चोरी की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आयकर विभाग के अधिकारियों पर उनके स्टाफ और परिवार के सदस्यों को 4 दिनों तक बंधक बनाकर मानसिक रूप से प्रताडि़त करने और डराने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया 1 दिन में पूरी हो सकती थी क्योंकि उन्होंने किसी भी तरह की जानकारी और दस्तावेज देने से मना नहीं किया था। ग्रुप के निदेशकों ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि यह हरकत जानबूझकर किसी के कहने पर की जा रही है। इस कार्रवाई के बाद उनके स्टाफ खासकर महिला कर्मचारियों में डर का माहौल है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने उनके कर्मचारियों को डरा-धमकाकर और जेल भेजने की धमकी देकर कुछ दस्तावेजों पर जबरन दस्तखत करने के लिए मजबूर किया।