2 रुपए किलो गेहूं लेने वालों की बढ़ी परेशानी, E Pass मशीने बनी सिरदर्द
punjabkesari.in Wednesday, Mar 01, 2023 - 01:16 PM (IST)

जालंधर (सुरिंद्र): प्रधान मंत्री अन्न कल्याण योजना के तहत 2 रुपए में मिलने वाली गेहूं की पर्चियां काटने का काम डिपो होल्डरों द्वारा शुरू कर दिया गया है, लेकिन डिपो होल्डरों और लोगों को विभाग द्वारा दी गई ई-पॉस मशीनों के कारण काफी परेशानी आ रही है। जालंधर में 65 हजार के करीब स्मार्ट कार्ड धारक और 350 के करीब डिपो होल्डर हैं। इन 65 हजार स्मार्ट कार्ड धारकों को पर्चियां व गेहूं वितरित करने के लिए फूड सप्लाई विभाग के पास मात्र 30 मशीने हीं उपलब्ध हैं। मशीनें कम होने के कारण एक डिपो होल्डरों को पर्चियां काटने में समय लगता है और मशीन का इंतजार भी रहता है कि कब मशीन उनके पास आएगी और कब वे लोगों की पर्चियां काटने का काम शुरू करेंगे।
इस दौरान उपभोक्ता भी काफी परेशान होते हैं, जिन्हें लंबे समय तक लाइन में लगना पड़ता है। मशीनों की संख्या बढ़ाने के लिए कई बार डिपो होल्डरों ने विभाग को कहा भी है, उसके बावजूद भी मशीनों की संख्या नहीं बढ़ाई गई। पुरानी मशीनों से ही काम चलाया जा रहा है। डिपो होल्डर एसोसिएशन के प्रधान दर्शन लाल भसीन ने बताया कि उन्हें जो मशीन दी गई है, वे काम नहीं करती। उन्होंने मशीन विभाग को वापिस लौटा दी। लोगों को पहले पर्चियां काटने के लिए बुलाया गया था। 100 से अधिक उपभोक्ता इक्ट्ठे हो गए। लेकिन जब मशीन से पर्चियां ही नहीं निकली तो सभी को वापस जाना पड़ा। विभाग को नई मशीनें खरीदनी चाहिए और खराब पड़ी मशीनों को हटा देना चाहिए।
अभी विभाग के पास 30 के करीब मशीनें हैं, जिसमें से 22 के करीब मशीनें ही वर्किंग में चल रही हैं और 8 मशीनें लंबे समय से खराब ही पड़ी हुई हैं। उधर सीनियर वाइस प्रैजीडैंट बिशन दास ने बताया कि 350 डिपो होल्डरों को हैंडल करने के लिए 14 फूड इंस्पैक्टर हैं। मशीनों की गिनती को विभाग बढ़ा नहीं रहा है। ऊपर से जो गेहूं में 15 फीसदी का राज्य सरकार ने कट लगाया गया है, उसको लेकर लोग गुस्सा डिपो होल्डरों पर निकाल रहे हैं। जिन लोगों के नाम मशीन से हटा दिए गए हैं वे डिपो पर आकर हंगामा तक कर रहे हैं।
कोई भी दूसरे डिपो के उपभोक्ता की पर्ची नहीं काट रहा
मशीनें कम होने के कारण जहां लोग अलग से परेशान हो रहे हैं। वहीं लोगो को इस बात को लेकर सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है कि उनकी पर्ची दूसरे डिपो होल्डर नहीं काट रहे हैं। जबकि विभाग ने नई लिस्ट में काफी लोगों के नाम दूसरे डिपो होल्डरों की लिस्ट में डाल दिए हैं, लेकिन डिपो होल्डर ये कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं कि उनके पास जितना कोटा आया है, वे उनके इलाके के लोगों का ही आया है। लोगों ने कहा कि वह पर्ची और गेहूं लेने के लिए किधर जाएं। जबकि विभाग ने साफ आदेश दिए हुए हैं कि पर्ची और गेहूं किसी भी जगह से ली जा सकती है।