पंजाब के ग्राऊंड वाटर में ‘जहर’ का ‘इंजैक्शन’

punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2020 - 08:32 AM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी): पंजाब में बोरवैल के जरिए प्रदूषित पानी धरती में धकेला जा रहा है। इस ‘इंजैक्शन’ से ग्राऊंड वाटर ‘जहरीला’ हो रहा है। यह चौंकाने वाला तथ्य नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) के आदेश में सामने आया है। बोरवैल के मामले में लखविंद्र सिंह नामक व्यक्ति ने ट्रिब्यूनल में शिकायत की थी, जिसे ट्रिब्यूनल ने याचिका के तौर पर स्वीकार कर सुनवाई शुरू की और अब यह आदेश सामने आया है।

ट्रिब्यूनल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोडल एजैंसी बनाते हुए 2 माह के भीतर विस्तृत जांच कर स्वतंत्र रिपोर्ट सबमिट करने का भी आदेश सुनाया है। लखविंद्र ने जुलाई, 2019 में संगरूर स्थित के.बी.आर.एल. कंपनी के खिलाफ ट्रिब्यूनल में शिकायत की थी व आरोप लगाया था कि कंपनी बोरवैल के जरिए जमीन में प्रदूषित पानी को धकेल रही है, जिससे भू-जल और पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहे हैं। ट्रिब्यूनल ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रिपोर्ट मांगी थी।

बोर्ड ने 19 जनवरी को विस्तृत रिपोर्ट सबमिट की है। उसमें बताया गया कि बोर्ड ने फैक्टरी के आसपास ट्यूबवैल से 6 दिन अलग-अलग समय पर पानी के सैंपल लिए और पंजाब बायोटैक्नोलॉजी इंक्यूबेटर (पी.बी.आई.टी.) को जांच के लिए भेजा था। पहले दिन लिए गए सैंपल में 25-30 तरह के ऑर्गैनिक कम्पाऊंड सामने आए, जबकि अंतिम दिन उनकी संख्या कम होकर 10 के आस-पास रह गई।

रिपोर्ट में कहा गया कि बेशक ट्यूबवैल में मिले ऑर्गैनिक कम्पाऊंड की संख्या ज्यादा है, लेकिन मामला केवल एक ट्यूबवैल की रिपोर्ट में ही सामने आया है, बाकी आस-पास के कुछ सैम्पल्स में ऑर्गैनिक कम्पाऊंड नॉर्मल पाए गए हैं। ऐसे में मामले में विस्तारपूर्वक स्टडी होनी चाहिए ताकि पूरी हकीकत सामने आ सके। इसी कड़ी में विभिन्न जिलों के भू-जल की जांच-पड़ताल करनी जरूरी है ताकि तुलनात्मक अध्ययन रिपोर्ट तैयार हो सके। ट्रिब्यूनल ने इसी रिपोर्ट के आधार पर पंजाब के ग्राऊंड वाटर में अवैध तौर पर प्रदूषित पानी को घोलने की बात स्वीकार करते हुए अब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जांच का जिम्मा सौंपा है।

कानूनी माहिरों की सलाह लेगा बोर्ड: मरवाहा
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन प्रो. सतविंद्र सिंह मरवाहा ने ट्रिब्यूनल के आदेश पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहीं भी बोरवैल के जरिए धरती में प्रदूषित पानी धकेलने की बात नहीं कही थी। बावजूद इसके ट्रिब्यूनल ने अवैध तौर पर धरती में प्रदूषित पानी की बात को स्वीकार कर लिया। बोर्ड जल्द ही मामले में कानूनी माहिरों से सलाह लेगा ताकि ट्रिब्यूनल में बोर्ड की बात को मजबूती से रखा जा सके।


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