‘पंजाब केसरी’ की खबर का असर: 480 करोड़ के टैंडरों में अनियमितता की जांच शुरू

punjabkesari.in Monday, Sep 21, 2020 - 09:51 AM (IST)

जालंधर(एन. मोहन): पंजाब केसरी में प्रकाशित ‘सरहिंद फीडर के 480 करोड़ के टैंडरों में घोटाले के संकेत’ समाचार के बाद राज्य के जल स्रोत विभाग ने ठेके पूल होने और टैंडर वाले ठेकेदारों की योग्यता की जांच शुरू कर दी है। 

विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 3 सदस्यीय कार्यकारी इंजीनियरों की टीम इसकी जांच कर रही है और शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट देगी। इस मामले को लेकर राजनीतिक दबाव का सिलसिला इस प्रकार शुरू हुआ है कि अभी टैंडर औपचारिक रूप से तय नहीं हुए परन्तु कुछ ठेकेदारों ने तो ओवर कॉन्फिडेंस में आकर सरहिंद फीडर पर लाखों रुपयों की निर्माण सामग्री भी रखवा दी है। 

टैंडर 480 करोड़ रुपए के है। पहली बार हुआ है कि टैंडर देने वाले सभी 86 ठेकेदारों को टैंडर दे दिए गए है। जिन आरोपों के आधार पर पूर्व में अकाली सरकार में घोटाला हुए था, इस बार नियमों की हदें उससे भी पार कर गई हैं। टैंडरों की सूची देखने पर ही आभास होता है कि अधिकतर टैंडर पूल किए गए हैं। सभी ठेकेदारों ने टैंडरों के रेट 30 से 35 प्रतिशत वृद्धि से डाले हैं जो हैरानीजनक है। करीब एक दर्जन ठेकेदार ऐसे भी है जो शर्तें पूरी नहीं करते परन्तु उनको भी टैंडर दे दिए गए है। सरकार ने अभी ठेकेदारों को टैंडर देने की प्रक्रिया को रोका हुआ है।  

सूत्रों के अनुसार सरकार ठेकेदारों को 25 प्रतिशत वृद्धि के साथ ठेके देने पर राजी है जबकि सभी ठेकेदारों ने अलग-अलग रूप से ठेके 29 से 30 प्रतिशत वृद्धि पर देने के लिए पत्र लिख दिए हैं जो एक बार फिर से पूल होने की तरफ इशारा करता है। करीब 136 किलोमीटर लम्बी सरहिंद फीडर पंजाब के फरीदकोट, मुक्तसर जिले के 9 लाख एकड़ क्षेत्र को सिंचित करती है। इस नहर में जगह-जगह लीकेज होने से मालवा क्षेत्र की लाखों एकड़ भूमि को सेम नष्ट कर चुकी है। करीब एक माह पूर्व सरहिंद फीडर के टैंडर टैक्नीकल हुए थे तो तभी शंकाएं उठने लगी थी, तभी तय हो गया था कि किस-किस ग्रुप को कहां-कहां से टैंडर मिल रहे हैं। 

टैंडर खुले तो हैरानीजनक तथ्य ये था कि सभी ठेकेदारों ने 30 से 35 प्रतिशत वृद्धि से टैंडर भरे थे जो गंभीर संदेह उत्पन्न करता है। अधिकतर ठेकेदारों ने क्षेत्र बांट कर टैंडर भरे थे और उन्हें वैसे ही काम अलाट हुआ जैसे 4 टैंडरों में 2 ठेकेदार है तो दोनों को ही 2-2 काम मिल गए और वो भी साथ-साथ।

योग्यता की शर्तें पूरी नहीं करने वाले ठेकेदारों की हो रही जांच 
सरकार इस बात की जांच कर रही है कि ऐसे ठेकेदार कौन हैं जो योग्यता की शर्तें पूरी नहीं करते और टैंडर प्रक्रिया में शामिल हो गए। दूसरी तरफ पहले की तरह ही इस बार भी राजनीतिक दबाव की नीति शुरू हो गई है। जिला मुक्तसर में तो 2 ठेकेदारों ने टैंडर पक्के मान कर लाखों रुपयों की निर्माण सामग्री भी नहरों पर रखवा दी है। हालांकि टैंडर का कार्य ऑनलाइन हुआ था परन्तु ठेकेदार कम होने से और उनके रेट प्रतिशत में समानता इत्यादि से विभाग संशय में है।


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Sunita sarangal

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