AAP नेताओं का मास्क नहीं पहनना गैर-जिम्मेदाराना रवैया: कै. अमरेंद्र

punjabkesari.in Tuesday, Mar 23, 2021 - 02:55 PM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी/धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने मोगा में हुई आम आदमी पार्टी की रैली में कोविड संबंधी एहतियात यकीनी न बनाने के लिए केजरीवाल की सख्त निंदा की है। उन्होंने कहा कि रैली में ‘आप’ लीडरशिप मास्क पहने बिना ही देखी गई, जो उच्च दर्जे का गैर-जिम्मेदाराना रवैया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पता लगता है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी को पंजाब के लोगों की कितनी परवाह है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर लोगों को भारी जुर्माना लगाया जा रहा है और पंजाब में आम आदमी पार्टी द्वारा कोविड से सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल के बारे लापरवाही वाला व्यवहार अपनाया जा रहा है। कोविड के बढ़ते प्रभाव के कारण पंजाब कांग्रेस ने अपनी सभी राजनीतिक रैलियां मुअत्तिल कर दी हैं, जबकि दूसरी तरफ केजरीवाल ऐसा करने में नाकाम रहे हैं, जिससे सिद्ध होता है कि उनका एकमात्र हित किसी न किसी ढंग से पंजाब की सत्ता हथियाना है।

‘केजरीवाल झूठ के सरताज’
मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अव्वल दर्जे का फरेबी और झूठ का सरताज कहा है। उन्होंने केजरीवाल द्वारा पंजाब सरकार और प्रांतीय कांग्रेस को लेकर की गई आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि पंजाब के लोगों ने समझदारी दिखाते हुए 2017 में आम आदमी पार्टी केफरेब को पहचान लिया और अब भी लोग पार्टी के झूठ से परिचित हैं। केजरीवाल का सफेद झूठ फिर से बेनकाब होगा जैसे कि 2017 के विधानसभा चुनाव के समय हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हास्यप्रद बात है कि उनकी सरकार द्वारा 84 प्रतिशत वादे पूरे करने के ट्रैक रिकार्ड की तुलना दिल्ली सरकार के बुरे प्रदर्शन के साथ की जाए, जिसने 2020 में 2015 के ‘आप’ के मैनीफैस्टो के सिर्फ 25 प्रतिशत वादे पूरे किए। कैप्टन ने कहा कि अगर यही दिल्ली मॉडल है तो पंजाब के लोग इसके बगैर ही बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को झूठे दावों और ‘बदले’ की बातों में पडऩे की बजाय दिल्ली पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

‘दिल्ली सरकार 8 लाख नौकरियों के वायदों संबंधी स्थिति स्पष्ट नहीं कर सकी’ 
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात रिकार्ड पर है कि दिल्ली के कांग्रेसी नेता अजय माकन की तरफ से बार-बार सवाल किए जाने के बावजूद दिल्ली की ‘आप’ सरकार 2015 में किए 8 लाख नौकरियों के वायदों संबंधी स्थिति स्पष्ट नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि यहां तक कि बहुत प्रचारित किए गए दिल्ली हुनर मिशन को भी शुरू नहीं किया गया। सर्वेक्षण के आंकड़ों अनुसार केजरीवाल सरकार द्वारा 2016 में 102, 2017 में 66 और अप्रैल 2018 तक 46 नौकरियां दी गईं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के ऐसे आंकड़ों के बलबूते यदि केजरीवाल उनकी सरकार के रोजगार संबंधी आंकड़ों की बात करते हैं तो केजरीवाल को सचमुच ही कोई शर्म नहीं है। दिल्ली में ‘आप’ की सरकार के उलट पंजाब में उनकी सरकार ने ‘घर-घर रोजगार मिशन’ के अंतर्गत 16.29 लाख नौकरियां/स्व-रोजगार के मौके प्रदान किए हैं और अकेले सरकारी सैक्टर में ही 58,709 नौकरियां दी गईं। उन्होंने कहा कि इस साल के दौरान उनकी सरकार सरकारी नौकरियों के लिए एक लाख और नौजवानों की भर्ती कर रही है।

‘दिल्ली में बेरोजगारी दर 8.0 प्रतिशत’
कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि आंकड़ा और प्रोग्राम लागू करने संबंधी मंत्रालय द्वारा जारी की श्रम शक्ति सर्वे (2018-19) की रिपोर्ट अनुसार दिल्ली की बेरोजगारी दर 8.0 प्रतिशत के मुकाबले पंजाब की दर 7.2 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत की अपेक्षा भी कम है।

‘दिल्ली में केंद्रीय कृषि कानून में से एक कानून लागू करने पर सवाल’
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था कि केंद्र के तीन खेती कानूनों के खिलाफ वह आंदोलनकारी किसानों के साथ हमेशा कंधे से कंधा जोड़ कर खड़े रहेंगे। मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने ‘आप’ नेता को याद करवाते हुए कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने इन तीनों ही खेती कानूनों में से एक कानून लागू भी कर दिया है। यहां तक कि इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पंजाब में भी यू-टर्न ले चुकी है। 


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Vatika

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